प्रदेश का पावर कारपोरेशन अब सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण आय स्रोत बनता जा रहा है। जैसे हिमाचल में सतलुज विद्युत निगम लिमिटेड एक बड़ी ऊर्जा कंपनी बन चुकी है, वैसे ही भविष्य में हिमाचल पावर कारपोरेशन भी ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। पावर कारपोरेशन को सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं सौंपी गई हैं, जिनमें से अधिकांश पर निरंतर प्रगति हो रही है। हालांकि, शोंगटोंग परियोजना अभी एक चुनौती बनी हुई है, जिस पर काफी मेहनत की आवश्यकता है। इससे पहले सावड़ा कुडू परियोजना में भी कई समस्याएं आई थीं, लेकिन अब वह सफलतापूर्वक बन चुकी है। इसके अलावा, पावर कारपोरेशन को सरकार ने श्रीरेणुका जी डैम और पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स जैसी बड़ी परियोजनाएं भी सौंपी हैं, जिनमें काम धीमा चल रहा था, लेकिन अब इनसे भी बेहतर परिणाम की उम्मीद है।
पावर कारपोरेशन की कमाई की बात करें तो इसके विभिन्न प्रोजेक्ट्स से अब तक लाखों की आय हो चुकी है। काशंग परियोजना, जो 2017 में शुरू हुई थी और जिसकी क्षमता 65 मेगावाट है, से अब तक 335 करोड़ रुपए की आय हुई है। सैंज परियोजना से 1050 करोड़ की बिजली का व्यापार हो चुका है, जो 2016 में शुरू हुआ था और इसकी क्षमता 100 मेगावाट है। सावड़ा कुड्डू परियोजना, जो 2021 में शुरू हुई और जहां 111 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, से 485 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसके अलावा, श्रीनयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के बैराडोल में बनी सोलर परियोजना से भी अब तक 21 करोड़ रुपए की कमाई हुई है।
मुख्यमंत्री सुक्खू पावर कारपोरेशन को ऊर्जा क्षेत्र में हिमाचल की नई दिशा देने के लिए सक्रिय हैं। वह इस कारपोरेशन के प्रोजेक्ट्स की निगरानी करते हैं और समय-समय पर इनकी समीक्षा कर सरकार से आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, पावर कारपोरेशन के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं, जो भविष्य में हिमाचल के लिए लाभकारी साबित होंगे। वर्तमान सरकार इस क्षेत्र को पूरी तरह से सहयोग दे रही है।
सोलर और पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के क्षेत्र में भी पावर कारपोरेशन को आगे बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री की सोच है कि हिमाचल को 2027 तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया जाए। इसके लिए ऊना और नालागढ़ जैसे क्षेत्रों में सोलर परियोजनाओं पर काम चल रहा है, साथ ही हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में भी सोलर ऊर्जा के उत्पादन की संभावनाओं पर काम हो रहा है। इस दिशा में पावर कारपोरेशन का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा, और काशंग चरण दो तथा शोंगटोंग परियोजनाएं इसमें अहम भूमिका निभाएंगी।