जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में 2 पैरा स्पेशल फोर्सेस के जूनियर कमीशन ऑफिसर (जेसीओ) राकेश कुमार शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य जवान घायल हुए हैं। शहीद जेसीओ राकेश कुमार हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के नाचन विधानसभा क्षेत्र के निवासी थे। उनके निधन पर राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक व्यक्त किया है।
जानकारी के अनुसार, किश्तवाड़ के छास इलाके में रविवार सुबह से सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी थी। इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग की, जिससे जेसीओ राकेश कुमार शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर टाइगर्स ग्रुप के आतंकवादी इस क्षेत्र में छिपे हुए थे, जिन्होंने हाल ही में दो गांव रक्षकों की हत्या की थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया था।
किश्तवाड़ के अलावा, श्रीनगर के जबरवान इलाके में भी सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। सुरक्षाबलों को यहां भी दो-तीन आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सेना और पुलिस ने दाचीगाम और निशात के ऊपरी इलाकों को जोड़ने वाले जंगलों में सुबह करीब नौ बजे संयुक्त अभियान शुरू किया। यह मुठभेड़ उस समय तक जारी थी, जब तक इस रिपोर्ट को लिखा जा रहा था, और रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही थी।
इस घटना ने जम्मू और कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों को उजागर किया है, जहां सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच लगातार संघर्ष हो रहा है। यह मुठभेड़ न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों को रेखांकित करती है, बल्कि जवानों की बहादुरी और उनके शौर्य का भी प्रतीक है। सुरक्षाबल हर मुठभेड़ में अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहते हैं, और राकेश कुमार की शहादत इस बात का प्रमाण है कि हमारे वीर जवान किसी भी हालात में अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा करते हैं।
इस प्रकार के ऑपरेशनों में लगातार जोखिम और चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, लेकिन भारतीय सुरक्षाबल इन खतरों का डटकर मुकाबला करते हैं। यह घटना एक और बार यह स्पष्ट करती है कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने में हमारी सुरक्षा एजेंसियां कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।