वन मंडल नूरपुर ने वर्ष 2024-25 से 2033-34 तक के लिए दस वर्षीय वर्किंग प्लान तैयार किया है, जिसमें अगले दस वर्षों में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा तय की गई है। इस वर्किंग प्लान को विभाग के उच्चाधिकारियों के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है, और मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
इस वर्किंग प्लान के तहत, कुछ खैर के जंगलों को सिल्वीकल्चर विधि से काटा जाएगा, जिससे सरकार को करोड़ों की आमदनी होगी। 2019 और 2020 में, उच्चतम न्यायालय की अनुमति पर नूरपुर के जंगलों में एक्सपेरिमेंटल सिल्वीकल्चर के तहत कटाई की गई थी, जिसके बाद पूरे हिमाचल प्रदेश में खैर कटान की अनुमति दी गई।
डीएफओ नूरपुर, अमित शर्मा के अनुसार, नूरपुर वन मंडल ने वर्ष 2024-25 से 2033-34 तक का वर्किंग प्लान तैयार किया है, जिसे उच्चाधिकारियों से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद सिल्वीकल्चर के तहत यहां खैर के पेड़ों की कटाई की जाएगी, जिससे सरकार को 300 से 400 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।