पंचायतों में अढ़ाई लाख रुपए तक की खरीद पर अब जीएसटी लागू किया जाएगा, जिसके लिए पंचायतों और ठेकेदारों को जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य होगा। पंजीकरण न करवाने पर आबकारी और कराधान विभाग दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है। यह जानकारी राज्य सहायक आयुक्त, पूनम ठाकुर ने पंचायत प्रतिनिधियों और सिलाई अध्यापिकाओं को जीएसटी और डिजिटल साक्षरता पर आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी। उन्होंने बताया कि अढ़ाई लाख रुपए तक की खरीद पर जीएसटी कटवाना आवश्यक होगा।
उन्होंने व्यापारियों के लिए जीएसटी पंजीकरण और रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता को स्पष्ट किया और बताया कि गुड्स व्यापारियों के लिए 40 लाख रुपए तक और सर्विस व्यापारियों के लिए 20 लाख रुपए तक आयकर छूट मिलती है। वहीं, जो कारोबारी गुड्स और सर्विस दोनों में काम कर रहे हैं, उनके लिए छूट की सीमा 20 लाख रुपए तक ही है।
पूनम ठाकुर ने यह भी बताया कि टैक्स प्रक्रिया अब पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है, जिससे टैक्स अदायगी और चालान का काम डिजिटली पूरा हो रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जीएसटी अनुपालन, पंजीकरण और कर कटौती की प्रक्रियाओं के बारे में गहन जानकारी दी गई। उन्होंने डिजिटल साक्षरता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इन नियमों का पालन करना व्यवसायों को दंड से बचने में मदद करेगा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने जीएसटी से संबंधित जानकारियों की सराहना की।