केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण एक्ट में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए पर्यावरण सचिव को दूषण से जुड़े मामलों में सीधे कार्रवाई करने की शक्ति प्रदान की है। इस संशोधन का उद्देश्य प्रदूषण नियंत्रण को प्रभावी बनाना और पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान में तेजी लाना है। अब पर्यावरण सचिव को अधिकार होगा कि वे दूषण फैलाने वाले व्यक्तियों या संस्थानों पर त्वरित कार्रवाई कर सकें। इस कदम से प्रदूषण संबंधी मामलों का निपटारा अधिक कुशलता और पारदर्शिता के साथ किया जा सकेगा। यह निर्णय बढ़ते पर्यावरणीय खतरे को देखते हुए लिया गया है, जिससे देशभर में दूषण के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार के इस संशोधन के तहत पर्यावरण सचिव अब प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर तत्काल कदम उठा सकेंगे, जिससे कानूनी प्रक्रिया तेज होगी। यह बदलाव पर्यावरणीय मामलों में जवाबदेही सुनिश्चित करने और प्रदूषण नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। संशोधित कानून के जरिए न केवल दूषण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी, बल्कि यह कंपनियों और उद्योगों को पर्यावरणीय मानकों का पालन करने के लिए भी प्रेरित करेगा। यह पहल देश में स्वच्छ पर्यावरण और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।