प्रदेश में कांग्रेस संगठन का गठन अब जिलों तक पहुंच गया है। 12 पर्यवेक्षक जिलों में बैठकें कर रहे हैं और नए चेहरों की पहचान करने के प्रयास में लगे हैं। पर्यवेक्षकों को एक महीने का समय दिया गया है ताकि वे ब्लॉक और जिलास्तर पर कार्यकारिणी का गठन कर सकें। यह लिस्ट प्रदेश सहप्रभारियों और प्रदेशाध्यक्ष को सौंपे जाने के बाद सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकारिणी का प्रारूप तैयार किया जाएगा, जबकि राज्य कार्यकारिणी का गठन जनवरी के बाद होने की उम्मीद है। कांग्रेस हाईकमान ने संगठन को फिर से व्यवस्थित करने के लिए प्रदेशाध्यक्ष के साथ दो सहप्रभारी और 16 पर्यवेक्षकों को तैनात किया है।
इस प्रक्रिया में, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पार्टी में पुराने चेहरों को उचित स्थान देने, महिलाओं को आगे लाने और ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी में कार्यकर्ताओं को सरकार और संगठन में जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है। पार्टी में इस समय एक धड़ा ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत का समर्थन कर रहा है, जिससे यह देखने योग्य होगा कि किसे संगठन और सरकार में स्थान मिलेगा।
कांग्रेस संगठन में महासचिव का पद विशेष महत्व रखता है। रजनीश किमटा लंबे समय से इस पद पर कार्यरत थे, और अब नए संगठन में इस महत्वपूर्ण पद के लिए कई नेता प्रतियोगिता में हैं। कार्यकारी अध्यक्षों को लेकर भी कांग्रेस को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि जिन नेताओं को पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, वे अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।