प्रदेश की पहली प्राकृतिक झील श्रीरेणुकाजी के परिक्रमा मार्ग पर स्थित वाइल्ड लाइफ जू के प्राणियों को अब वन्य प्राणी प्रेमी और पशु-पक्षी प्रेमी गोद ले सकते हैं। यह पहल वन्य प्राणी विभाग द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य चिड़ियाघरों में प्राणियों के संरक्षण के लिए लोगों को जोड़ा जाना है। हालांकि, यह प्रयास प्रदेश के अन्य चिड़ियाघरों में भी चल रहा है, लेकिन अब तक श्रीरेणुकाजी में लोग गोद लेने के लिए अधिक सक्रिय हुए हैं। विभाग ने यहां स्थित सांभर, चीतल, ब्लैक बक, लैपर्ड और भालू जैसे प्राणियों को गोद लेने के लिए आमंत्रित किया है। इच्छुक लोग इन प्राणियों का वार्षिक खर्चा उठाएंगे, जिसके बदले में उन्हें टैक्स छूट, जू में मुफ्त प्रवेश और गोद लिए गए प्राणी के नाम को डिस्प्ले करने का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, वन्य प्राणी विभाग अपने विभिन्न आयोजनों में इन प्राणियों के कद्रदानों को सम्मानित करेगा।
इसके साथ ही, श्रीरेणुकाजी मिनी जू में टाइगर लाने की कवायद भी अब अंतिम चरण में है। टाइगर एन्कलोजर का काम पूरा हो चुका है, और महाराष्ट्र से टाइगर लाने के लिए जू अथॉरिटी से स्वीकृति मिल चुकी है। डीएफओ वाइल्ड लाइफ शिमला शाहनवाज भट्ट ने इस बात की जानकारी दी कि टाइगर लाने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
इसके अतिरिक्त, विभाग ने उद्योगपतियों और सामाजिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि वे इस पहल में योगदान दें और इन वन्य प्राणियों के भरण-पोषण में मदद करें। विभाग ने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत कंपनियों से भी सहयोग की अपील की है।