धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र की घोषणा के बाद तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में तैयारियों का दौर तेज हो गया है। इस बीच, विपक्ष ने भी अपनी सियासी सक्रियता बढ़ा दी है। भाजपा के दिग्गज नेता शांता कुमार ने हाल ही में धर्मशाला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मुद्दे को जोर देकर उठाया, जिससे सियासी पारा फिर से चढ़ गया है। इस बार भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मुद्दा तपोवन में गर्मा सकता है, और विधानसभा सत्र के दौरान इसे लेकर बहस और चर्चाएं तेज हो सकती हैं।
30 करोड़ रुपए न जमा होने से लटका है सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कैंपस
धर्मशाला के जदरांगल में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय का कैंपस पिछले डेढ़ दशक से शुरू होने का इंतजार कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है। प्रदेश सरकार को वन विभाग को 30 करोड़ रुपए जमा करने थे, लेकिन अब तक यह राशि जमा नहीं हो पाई है। इस वजह से कैंपस का निर्माण रुका हुआ है। पिछले शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री ने जल्द काम शुरू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब विपक्ष और क्षेत्रीय सामाजिक संस्थाएं सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही हैं।
शांता कुमार की आलोचना, चंद्र कुमार का पलटवार
पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने धर्मशाला के सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस में देरी को लेकर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे कांगड़ा जिले और विशेष रूप से धर्मशाला के साथ अन्याय बताया। वहीं, कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने शांता कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी, तब शांता कुमार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं उठाया। उनका कहना था कि अब जब कांग्रेस सरकार है, तो शांता कुमार सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं, जबकि यह मामला उनके समय में भी लंबित था।