2 साल बेमिसाल: समारोह नहीं, जश्न अप्रैल 2027 में होगा मनाया

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने द्विवार्षिक जश्न की शुरुआत मां नयनादेवी और बाबा बालकनाथ के जयकारों के साथ की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सिर्फ दो साल का जश्न नहीं है, बल्कि एक समारोह है। असल जश्न अप्रैल 2027 में मनाया जाएगा, जब हिमाचल आत्मनिर्भर होगा और 2032 तक यह राज्य देश का सबसे समृद्ध राज्य बन जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने दो साल में कई कड़े फैसले लिए हैं, जबकि भाजपा ने राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम किया और सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा।

सीएम ने भाजपा के भीतर की गंदगी को साफ़ करने की बात कही और आरोप लगाया कि भाजपा के पांच धड़े अपनी कुर्सियां बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री ने जयराम ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर भी हमले किए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र किया, लेकिन जनता और देवी-देवताओं के आशीर्वाद से सरकार को बचाया।

सीएम ने ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) लागू करने की बात की, जिससे 1.36 लाख कर्मियों को फायदा हुआ। उन्होंने राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना किया और 75 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा पर अडानी जैसे उद्योगपतियों को बिजली सब्सिडी देने के लिए भी सवाल उठाए।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया और अपनी सरकार के कार्यों का ज़िक्र किया। बिलासपुर में आयोजित इस समारोह में भारी संख्या में लोग पहुंचे, जिन्होंने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को अपना समर्थन दिया। रैली स्थल पर लुहणू मैदान में लोगों की भारी भीड़ थी, जहां प्रशासन ने खाने-पीने और पार्किंग की बेहतर व्यवस्था की थी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने द्विवार्षिक समारोह के दौरान अपनी सरकार के दो साल के कार्यकाल को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह दो साल का जश्न नहीं, बल्कि एक समारोह है, जो हिमाचल प्रदेश के उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक है। 2027 में आत्मनिर्भर हिमाचल का सपना पूरा होगा और 2032 तक हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने दो साल में कठिन फैसले लिए, जबकि विपक्ष ने सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध के लिए काम किया। उन्होंने भाजपा के षड्यंत्र और पाला बदलने वाले छह विधायकों की स्थिति पर भी टिप्पणी की।

सीएम ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी सत्ता में रहते हुए जनता के मुद्दों से दूर रही और केवल सत्ता के लिए काम किया। उन्होंने विशेष रूप से जयराम ठाकुर और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पुलिस भर्ती में घोटाले हुए थे, तो भाजपा चुप रही। वहीं, उन्होंने अडानी को बिजली सब्सिडी देने पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसे उद्योगों के लाभ के लिए नहीं दिया जाना चाहिए था।

मुख्यमंत्री ने 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस देने के फैसले को भी ऐतिहासिक बताया, जबकि राज्य की भीषण आपदा के दौरान 75 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाला और प्रभावित परिवारों के बीच जाकर उन्हें सांत्वना दी। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा द्वारा की गई चुनावी रणनीतियों और राज्य में हो रहे राजनीतिक बदलावों पर भी तंज कसा।

समारोह में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का जोरदार समर्थन किया और रैली स्थल पर लोगों की अपार भीड़ ने इस बात का संकेत दिया कि जनता का समर्थन सरकार के साथ है। प्रशासन की ओर से भी बेहतरीन व्यवस्था की गई थी, जिसमें लंच और ब्रेकफास्ट की व्यवस्था की गई थी, और ट्रैफिक की कोई समस्या नहीं आई।

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