मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर बिलासपुर के लुहणू मैदान में आयोजित समारोह में छह नई योजनाओं का शुभारंभ किया और लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की। उन्होंने ई-टैक्सी योजना, मक्की से निर्मित हिम भोग आटा, जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट खरीद योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, 1,292 करोड़ रुपए की हिमाचल प्रदेश उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्य संवर्धन परियोजना, और पांच मोबाइल आयुष स्वास्थ्य यूनिट की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिम भोग आटा लांच किया, जो मक्की से तैयार किया गया है। राज्य के 10 जिलों में 1,506 किसानों से 398 मीट्रिक टन मक्की खरीदी गई है और 1.20 करोड़ रुपए की राशि किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। हिमाचल प्रदेश देश में गेहूं के लिए 40 रुपए और मक्की के लिए 30 रुपए प्रति किलो का सबसे अधिक समर्थन मूल्य देने वाला राज्य बन गया है। वर्तमान में, प्रदेश में 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर 1.98 लाख किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इस पद्धति को और अधिक बढ़ावा देने के लिए 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना में 36,000 किसानों को शामिल किया जा रहा है।
इसके अलावा, जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट की खरीद के लिए 300 रुपए प्रति क्विंटल की योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 100 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से एक लाख रुपए वितरित किए गए हैं। स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना-2023 के तहत 16 लाभार्थियों को ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी गई है। सरकारी कार्यालयों में लीज पर चलने वाली ई-टैक्सियों से टैक्सी मालिकों को नियमित आय का साधन मिलेगा। पहले चरण में, राज्य सरकार का लक्ष्य लगभग 150 ई-टैक्सी परमिट प्रदान करने का है।