मुख्यमंत्री Sukhwinder Singh Sukhu ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए Opposition के नेताओं को स्पष्ट लहजे में कहा कि वे आरोप तथ्यों के आधार पर लगाएं। Government तथ्यों पर जांच करवाने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष काम रोको प्रस्ताव पर गंभीर नहीं है। नादौन में भूमि खरीद-फरोख्त को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए Chief Minister ने कहा कि एचआरटीसी को बेची गई जमीन की कीमत भाजपा द्वारा बताई जा रही, वह वर्ष 2015 की है। 2015 में 80 कनाल जमीन 4.75 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी देकर दो करोड़ रुपये में खरीदी गई थी। यह भूमि एनएच के पास है, जिससे इसका सर्किल रेट बढ़ गया और इसकी कीमत छह करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई। Chief Minister ने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि की खरीद-फरोख्त में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। Chief Ministerयह भी बताया कि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान हुए PPI Kit और सेनेटाइजर घोटाले में किंगपिन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विपक्ष का विरोध न करना
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार द्वारा विधेयक पेश किए जाने का विपक्ष ने विरोध नहीं किया। इस दौरान विपक्ष का संख्या बल कम था, जबकि सत्तापक्ष पूरी संख्या में सदन में उपस्थित था। विधानसभा के नियम 326 के तहत विधानसभा अध्यक्ष को कई विशेषाधिकार प्राप्त हैं, जिनका उपयोग करते हुए उन्होंने विधेयक पेश करने की अनुमति दी। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को ज्यादा तूल न दें।
सरकार की योजनाओं को रोकने की कोई इच्छा नहीं
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने केंद्र को यह पत्र भेजा था कि हमारी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और सभी जगह नल लग चुके हैं। उन्होंने बताया कि वे तीन बार केंद्रीय मंत्री से मिले और Himachal Pradesh के रोके हुए बजट को जारी करने की मांग की। उन्होंने भाजपा से भी आग्रह किया कि वे सरकार की मदद करें, क्योंकि सरकार किसी भी योजना को रोकना नहीं चाहती।
जयराम ठाकुर का आरोप
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि Himachal Pradesh सरकार राज्य को व्यवस्था पतन की ओर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति से राजस्व में 6-7 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान शराब से राजस्व में 23 फीसदी की वृद्धि हुई थी। जयराम ठाकुर ने काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार द्वारा चार विधेयक पेश करने पर भी विरोध किया और कहा कि नियम 67 के तहत चर्चा के दौरान किसी अन्य कामकाज की अनुमति देने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की कि पेश किए गए विधेयकों को वापस लिया जाए और काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इन्हें दोबारा पेश किया जाए।
लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन
Himachal Pradesh सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए एक विधेयक विधानसभा में पेश किया है। इस विधेयक के तहत राधास्वामी सत्संग ब्यास को अधिकतम 30 एकड़ भूमि ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाएगी। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने यह बिल पेश किया, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि राज्य सरकार कारणों को लिखित में व्यक्त कर 30 एकड़ तक भूमि ट्रांसफर करने की अनुमति दे सकती है। इस तरह की भूमि का उपयोग पहले जैसा ही रहेगा और इसका प्रायोजन भी नहीं बदला जाएगा, अन्यथा यह भूमि राज्य सरकार में निहित हो जाएगी। सरकार ने यह संशोधन भोटा अस्पताल के कारण किया है, जिससे राधास्वामी सत्संग ब्यास को चिकित्सा सेवाओं के प्रबंधन के लिए भूमि ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाएगी।
पंचायती राज एक्ट में संशोधन
Himachal Pradesh सरकार ने पंचायती राज एक्ट में भी संशोधन का प्रस्ताव विधानसभा में रखा है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधेयक पेश किया, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार भौगोलिक स्थिति, परिवहन और संचार के साधनों की कमी, तथा प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए 25 हजार से कम जनसंख्या वाली पिछड़ी ग्राम पंचायतों के लिए प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र अधिसूचित कर सकती है। यह संशोधन जिला परिषद के नए वार्डों के गठन के लिए है।