हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के नरघोटा में पर्यटन गांव की चयनित भूमि का हाल ही में निरीक्षण किया। इस परियोजना के तहत, नरघोटा क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस योजना की विस्तृत जानकारी ली और कहा कि पर्यटन विकास से न केवल क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि इससे पर्यटकों के आकर्षण के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने अधिकारियों को परियोजना को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए और यह सुनिश्चित करने को कहा कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए विकास कार्यों को अंजाम दिया जाए।
पर्यटन गांव से स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह परियोजना क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पर्यटन गांव के माध्यम से, स्थानीय कारीगरी, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित किया जाएगा, जो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए आय के नए स्रोत भी उत्पन्न करेगा।हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को धर्मशाला के नरघोटा में प्रस्तावित पर्यटन विलेज के लिए साइट का निरीक्षण किया। इस परियोजना को लेकर अब उम्मीदें फिर से जगी हैं, जबकि पहले यह प्रोजेक्ट कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में चला गया था। मुख्यमंत्री ने अचानक इस साइट का दौरा किया और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की।
हिमुडा द्वारा बेचने गए प्लॉट रद्द, पर्यटन विभाग को दी गई भूमि
पहले इस स्थल पर हिमाचल प्रदेश आवास और शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) द्वारा प्लॉट बनाए जाने थे, लेकिन सरकार ने सत्ता में आते ही यहां पर्यटन विलेज बनाने का ऐलान किया। हिमुडा द्वारा बेचे गए प्लॉटों को रद्द कर दिया गया और संबंधित भूमि को पर्यटन विभाग के तहत नामित कर दिया गया। इससे क्षेत्र के लोगों में नई उम्मीद जगी और उन्हें विश्वास हुआ कि सरकार के इस कदम से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
सीएम के दौरे से पर्यटन विकास की उम्मीदें बढ़ी
सीएम सुक्खू के इस दौरे के बाद, यहां पर्यटन विलेज बनने की संभावना एक बार फिर जीवित हो गई है। पालमपुर में कृषि विवि की भूमि पर पर्यटन विलेज को लेकर स्थानीय विरोध के बावजूद, नरघोटा में इस परियोजना के सफल होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
जल शक्ति पैरा कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की विधानसभा में बैठक
विधानसभा सत्र के दौरान, जल शक्ति पैरा कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के सदस्य अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिले। मोर्चा ने जल शक्ति विभाग के पैरा वर्करों के लिए पॉलिसी बनाने की मांग की, जिसमें उनकी सेवा अवधि को 8 साल से घटाकर 5 साल किया जाए और उन्हें स्थायी रूप से नियमित किया जाए।