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कालेजों को 25, स्कूलों को दस हजार रुपये का फंड, रोड सेफ्टी एक्टिविटी के लिए जारी

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निदेशालय ने फंड जारी किया है। यह फंड सभी स्कूलों और कॉलेजों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया है, जिसमें प्रत्येक कॉलेज को 25,000 रुपये और प्रत्येक स्कूल को 10,000 रुपये दिए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा द्वारा सभी डिप्टी डायरेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि इस फंड का उपयोग किस प्रकार की गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, इसकी जानकारी शिक्षा निदेशालय को भेजी जाए।

रोड सेफ्टी क्लब के तहत स्कूलों में सडक़ सुरक्षा के बारे में बच्चों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा, स्कूल बसों, टैंपो ट्रैवलर, वैन और अन्य वाहनों में ओवरलोडिंग तथा अन्य नियमों के पालन पर शिक्षा विभाग भी नजर रखेगा। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ने इस संबंध में उपनिदेशक को पत्र भेजकर स्कूल बसों की चेकिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही, बसों में सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस लगाना अनिवार्य किया गया है।

इस फंड का उपयोग निबंध लेखन, पोस्टर बनाने, पेंटिंग, स्लोगन जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों में सडक़ सुरक्षा और यातायात संकेतों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। कॉलेजों में विद्यार्थियों और कर्मचारियों के साथ पैनल चर्चा, भाषण प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी और विशेषज्ञों को आमंत्रित करने की योजना भी है। विभाग ने सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को इस संबंध में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब के तहत विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने फंड जारी किया है। सभी स्कूलों और कॉलेजों के बैंक खातों में यह फंड ट्रांसफर कर दिया गया है, जिसमें प्रत्येक कॉलेज को 25,000 रुपये और प्रत्येक स्कूल को 10,000 रुपये दिए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा द्वारा सभी डिप्टी डायरेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि इस फंड का उपयोग किस प्रकार की गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, इसका विवरण शिक्षा निदेशालय को भेजा जाए।

रोड सेफ्टी क्लब के माध्यम से बच्चों को स्कूलों में सडक़ सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही, स्कूल बसों और अन्य वाहनों में ओवरलोडिंग और अन्य यातायात नियमों के पालन की निगरानी भी शिक्षा विभाग करेगा। निदेशक उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में उपनिदेशक को पत्र भेजकर स्कूल बसों की चेकिंग करने और बसों में सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस लगाने के निर्देश दिए हैं।

इस फंड का उपयोग सडक़ सुरक्षा और यातायात संकेतों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए निबंध लेखन, पोस्टर बनाने, पेंटिंग और स्लोगन जैसी गतिविधियों में किया जाएगा। इसके अलावा, कॉलेजों में विद्यार्थियों और कर्मचारियों के साथ पैनल चर्चा, भाषण प्रतियोगिता और विशेषज्ञों को आमंत्रित करने की योजना है। विभाग ने सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजने के निर्देश भी दिए हैं।

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