प्रदेश के कॉलेजों में प्रोफेसर पद खाली होने की स्थिति में, नई भर्तियों तक वर्चुअल मोड में बच्चों को पढ़ाने के विकल्प अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कॉलेज प्रिंसिपलों के साथ आयोजित बैठक में दिए। बैठक दो दिन चली, जिसमें सुबह और शाम के दो सत्र आयोजित किए गए। सुबह के सत्र में कॉलेजों की बेहतरीन शैक्षणिक प्रथाओं पर पीपीटी प्रस्तुत की गई। इसके बाद प्रिंसिपलों ने कॉलेज स्तर पर आ रही समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की।
एचपीयू के प्रोफेसर शंशिकात ने नैक एक्रीडिटेशन की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। प्रिंसिपलों को यह निर्देश दिए गए कि वे कॉलेजों में शैक्षणिक माहौल बनाए रखने के साथ-साथ छात्रों को गाइड करें, ताकि वे बेहतर करियर का निर्माण कर सकें।
बैठक में कॉलेजों की रैंकिंग पर भी चर्चा हुई। इस वर्ष राज्य स्तर पर कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी, जिसके लिए दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने बैठक के पहले दिन कॉलेज प्रिंसिपलों से बातचीत की और हिमाचल को देश का पहला ऐसा राज्य बताया, जो शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग कर रहा है। इस प्रक्रिया से संस्थानों का आत्म निरीक्षण और गुणवत्ता मूल्यांकन सुनिश्चित होगा। संस्कृत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू करने पर भी विचार किया गया।