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किसानों को 76.04 करोड़ का भुगतान, धान की फसल का मूल्य 2320 रुपए प्रति क्विंटल तय

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हिमाचल प्रदेश में खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा बनाए गए धान खरीद केंद्रों में 11 दिसंबर तक किसानों से 36,343.67 मीट्रिक टन धान की फसल खरीदी जा चुकी है। इन केंद्रों पर धान और रागी की फसल की खरीद की जा रही है, और अब तक किसानों को 76.04 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। धान और रागी की फसल की खरीद के लिए बुकिंग के लिए पोर्टल भी खोल दिया गया है, और किसानों से धान खरीदने के लिए प्रदेशभर में 19 खरीद केंद्र बनाए गए हैं।

किसान अब ऑनलाइन पंजीकरण कर धान की फसल बेचने के लिए पोर्टल का उपयोग कर रहे हैं। इस पोर्टल पर 7,890 किसानों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 7,857 पंजीकरण वेरीफाई किए गए हैं। पंजीकरण के लिए विभाग ने एचपीएपीपीपीडॉटएनआईसीडॉटइन पोर्टल लिंक तैयार किया है, जहां किसानों को धान खरीद के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध है।

31 दिसंबर तक इन केंद्रों पर धान की खरीद जारी रहेगी, और फसल का मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। विभाग ने विभिन्न जिलों में धान खरीद के लिए मंडियां स्थापित की हैं, जैसे कि पांवटा साहिब, धौलाकुंआ, रामपुर, मलपूर, शिमला, फतेहपुर, सिरमौर, चंबा, कांगड़ा, ऊना, और अन्य। किसानों को भुगतान उनके बैंक खातों में सीधे किया जाएगा, और पंजीकरण के दौरान उन्हें आधार, बैंक खाता जैसी जानकारी अपलोड करनी होगी।

हिमाचल प्रदेश में 11 दिसंबर तक खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा बनाए गए 19 धान खरीद केंद्रों पर किसानों से 36,343.67 मीट्रिक टन धान की फसल खरीदी जा चुकी है, और 76.04 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इस वर्ष धान की फसल का मूल्य 2,320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होता है, और इस प्रक्रिया के लिए विभाग ने एचपीएपीपीपीडॉटएनआईसीडॉटइन पोर्टल तैयार किया है।

अब तक, 7,890 किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, जिनमें से 7,857 पंजीकरण सफलतापूर्वक वेरीफाई किए गए हैं। इस पोर्टल पर किसानों को धान खरीद से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त होती है। पंजीकरण के बाद, किसानों को फसल बेचने के लिए टोकन नंबर और तिथि दी जाती है। धान खरीद की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक जारी रहेगी, और किसान पोर्टल के माध्यम से अपने पंजीकरण के लिए आधार और बैंक खाता जैसी जानकारी अपलोड कर सकते हैं। धान की फसल का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जाएगा।

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