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गोबर खाद तीन रुपए किलो में खरीदेगी सरकार, बागबानों तक होगी सीधी सप्लाई

प्रदेश सरकार 11 दिसंबर से गोबर की बजाय गोबर से बनी खाद को तीन रुपए प्रति किलो की दर से खरीदेगी। इसके लिए विशेष कलेक्शन व्यवस्था बनाई गई है। इस खाद को पांच, 10, 20, 50, और 500 किलो के पैकेट्स में पैक कर बागबानी और सेब की फसलों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। शिमला, किन्नौर, और लाहुल-स्पीति जिलों में बागबानों को इसे बेचने की योजना पर काम जारी है। यह जानकारी कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने धर्मशाला में दी। उन्होंने कहा कि एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने और बंद पड़ी खेती को फिर से शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने बताया कि रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग कर भविष्य में भूमि उपयोग पैटर्न को बदलने की योजना है, जिससे खेतों की क्षमता के अनुसार खेती की जाएगी। इसके लिए देहरादून के साथ टाई-अप किया गया है, जहां किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कृषि मंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सोच हमेशा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने और अस्थिर करने की रही है। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे प्रयास किए गए, लेकिन भाजपा इसमें सफल नहीं हो पाई। उपलब्धियां बताने का कार्यक्रम 11 दिसंबर को प्रदेश सरकार अपनी दो साल की उपलब्धियों और योजनाओं को जनता के सामने रखने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कोई जश्न का आयोजन नहीं होगा, बल्कि सरकार की गतिविधियों और भाजपा द्वारा किए गए अस्थिरता के प्रयासों को उजागर करने का अवसर होगा। इस मौके पर कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद रहे।

प्रदेश सरकार 11 दिसंबर से गोबर की बजाय गोबर से बनी खाद को तीन रुपए प्रति किलो की दर से खरीदेगी। इसके लिए विशेष कलेक्शन व्यवस्था बनाई गई है। इस खाद को पांच, 10, 20, 50, और 500 किलो के पैकेट्स में पैक कर बागबानी और सेब की फसलों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। शिमला, किन्नौर, और लाहुल-स्पीति जिलों में बागबानों को इसे बेचने की योजना पर काम जारी है। यह जानकारी कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने धर्मशाला में दी। उन्होंने कहा कि एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने और बंद पड़ी खेती को फिर से शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग कर भविष्य में भूमि उपयोग पैटर्न को बदलने की योजना है, जिससे खेतों की क्षमता के अनुसार खेती की जाएगी। इसके लिए देहरादून के साथ टाई-अप किया गया है, जहां किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कृषि मंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सोच हमेशा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने और अस्थिर करने की रही है। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे प्रयास किए गए, लेकिन भाजपा इसमें सफल नहीं हो पाई।

उपलब्धियां बताने का कार्यक्रम

11 दिसंबर को प्रदेश सरकार अपनी दो साल की उपलब्धियों और योजनाओं को जनता के सामने रखने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कोई जश्न का आयोजन नहीं होगा, बल्कि सरकार की गतिविधियों और भाजपा द्वारा किए गए अस्थिरता के प्रयासों को उजागर करने का अवसर होगा। इस मौके पर कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद रहे।

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