हिमाचल प्रदेश में न्यायिक सेवाओं में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। विभिन्न न्यायाधीशों को उनके प्रदर्शन और वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन और ट्रांसफर किया गया है। इनमें आभा चौहान, अजय कुमार, आकांक्षा डोगरा और विवेक कायथ जैसे वरिष्ठ सिविल न्यायाधीशों को उनकी वर्तमान नियुक्ति स्थलों पर ही पदोन्नत किया गया है। वहीं, अन्य न्यायाधीशों जैसे अनूज बहल, प्रतीक गुप्ता, कनिका गुप्ता और कुलदीप शर्मा को नई तैनाती दी गई है।
इसके साथ ही, कई स्थानांतरित न्यायाधीशों को वरिष्ठ सिविल जज और सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पदों पर नियुक्त किया गया है। उदाहरणस्वरूप, उमेश वर्मा और गौरव चौधरी को क्रमशः शिमला और देहरा में तैनात किया गया है। वहीं, दीपाली गंभीर, मिहुल शर्मा, विभूति बहुगुणा और अन्य न्यायाधीशों को भी विभिन्न स्थानों पर नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
इसके अलावा, प्रेरण प्रशिक्षण पूरा करने वाले नए न्यायाधीशों को भी राज्य के विभिन्न जिलों में नियुक्त किया गया है। इस फेरबदल का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाना, मामलों के निपटारे में तेजी लाना और राज्यभर में न्यायिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है।
हिमाचल प्रदेश के न्यायिक तंत्र में बड़े पैमाने पर स्थानांतरण और पदोन्नति के आदेश जारी किए गए हैं। इस बदलाव के तहत कई न्यायाधीशों को उनकी कार्यक्षमता और वरिष्ठता के आधार पर नई तैनाती दी गई है। आभा चौहान, अजय कुमार, आकांक्षा डोगरा और विवेक कायथ जैसे वरिष्ठ सिविल न्यायाधीशों को उनकी मौजूदा तैनाती पर पदोन्नति देकर उनके कार्यक्षेत्र में ही बनाए रखा गया है।
दूसरी ओर, अनूज बहल, प्रतीक गुप्ता, कनिका गुप्ता और कुलदीप शर्मा सहित अन्य न्यायाधीशों को वरिष्ठ सिविल जज और विभिन्न जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिव पद पर नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, उमेश वर्मा और गौरव चौधरी को क्रमशः शिमला और देहरा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं।
साथ ही, प्रेरण प्रशिक्षण पूरा करने वाले नए न्यायाधीशों को भी राज्यभर में अलग-अलग जगहों पर तैनात किया गया है, जिससे राज्य में न्याय प्रणाली को और अधिक प्रभावी और कुशल बनाया जा सके। इस फेरबदल का उद्देश्य न्यायिक कार्यप्रणाली को सुचारू बनाना और जनता को त्वरित न्याय सुनिश्चित करना है।