मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग और दो कंपनियों के बीच पांच ग्रीन कॉरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत, जियो-बीपी कंपनी मंडी-जोगिंद्रनगर पठानकोट और कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर का विकास करेगी। वहीं, ईवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी परवाणु-ऊना-संसारपुर टेरेस-नूरपुर और परवाणु-शिमला-रिकांगपियो-लोसर ग्रीन कॉरिडोर को विकसित करेगी। इलेक्ट्रोवेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कॉरिडोर का विकास करेगी।
इन पांच ग्रीन कॉरिडोर पर कंपनियां एक साल के भीतर 41 स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन, वे-साइड सुविधाएं और सुपर मार्केट स्थापित करेंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन स्थानों पर ई-बस, ई-ट्रक और अन्य ई-व्हीकल्स को चार्ज करने की सुविधा उपलब्ध होगी, साथ ही शौचालय और रेस्तरां जैसी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
इसके अलावा, राज्य सरकार को कंपनियां प्रति वर्ष लगभग 75 लाख रुपये लीज मनी के रूप में देंगी। इस परियोजना से हिमाचल प्रदेश को ई-व्हीकल्स के लिए एक आदर्श राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। एमओयू पर राज्य सरकार की ओर से परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी, ईवीआई टेक्नोलॉजी के राहुल सोनी और जियो-बीपी कंपनी के अविनाश शर्मा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर प्रधान सचिव आरडी नजीम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।