बिलासपुर में स्थापित राज्य की पहली डिजिटल लाइब्रेरी का मॉडल अब पूरे हिमाचल प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, प्रदेश की पहली स्पेस लैब जो घुमारवीं के ब्वायज स्कूल में स्थापित की गई है, उसे भी सभी जिलों में लागू करने की योजना है। यह निर्णय हाल ही में शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी में आयोजित एक स्कूल प्रिंसीपल बैठक में लिया गया, जिसमें बिलासपुर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने डिजिटल लाइब्रेरी और स्पेस लैब के मॉडल पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दी। मुख्यमंत्री ने इन मॉडल्स को राज्य भर में लागू करने के लिए मंजूरी दे दी है।
बिलासपुर शहर के रौड़ा सेक्टर में स्थित जिला पुस्तकालय को अब राज्य का पहला डिजिटल पुस्तकालय बनाया गया है। यह पुस्तकालय छात्रों को पढ़ाई के लिए एक उन्नत वातावरण प्रदान करता है, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन पुस्तकों की उपलब्धता है। पुस्तकालय को पूरी तरह से हाईटेक बनाया गया है ताकि छात्रों को बेहतर अध्ययन का अनुभव मिल सके।
इसके साथ ही, घुमारवीं के ब्वायज स्कूल में स्थापित की गई स्पेस लैब को भी अब राज्य के अन्य विद्यालयों और कॉलेजों में लागू किया जाएगा। यह लैब विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छात्रों को बेहतर सहूलतें और जानकारी प्रदान करेगी। डिजिटल लाइब्रेरी के लिए 89 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, बिलासपुर जिला में एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य छात्रों को प्रैक्टिकल और इंटरेक्टिव तरीके से शिक्षा देना है। इस योजना के तहत सभी अधिकारी एक-एक स्कूल को गोद लेकर उसमें सुधार कार्य कर रहे हैं। उपायुक्त ने खुद ब्वायज स्कूल बिलासपुर को गोद लिया और स्कूल का दौरा भी किया है।