हिमाचल शिक्षा बोर्ड ने 8वीं की परीक्षा में सिलेबस से बाहर पूछे गए सवालों पर छात्रों को राहत देते हुए 6-6 ग्रेस मार्क्स देने की घोषणा की। हिंदी और गणित के पेपर में हुई त्रुटियों के बाद यह कदम उठाया गया है।
शिक्षा बोर्ड का राहत भरा कदम
हाल ही में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विंटर स्कूलों की आठवीं कक्षा की परीक्षा में out-of-syllabus सवाल पूछे जाने के विवाद के बाद छात्रों को बड़ी राहत दी है। बोर्ड ने हिंदी और गणित (Mathematics) विषय में छात्रों को छह-छह ग्रेस मार्क्स (Grace Marks) देने का फैसला लिया है। इस संबंध में शिक्षा बोर्ड ने आधिकारिक अधिसूचना (Notification) जारी कर दी है। इस कदम से छात्रों और उनके अभिभावकों को राहत मिली है।
त्रुटिपूर्ण पेपर से बढ़ा छात्रों का तनाव
परीक्षा के दौरान छात्रों ने जब हिंदी और गणित के प्रश्नपत्र देखे, तो वे shocked and confused हो गए। दोनों विषयों के पेपर में out-of-syllabus सवाल शामिल थे, जो कि बोर्ड द्वारा हटाए गए सिलेबस से पूछे गए थे। कुल 14 अंकों के सवाल सिलेबस के बाहर से थे। राजकीय भाषायी अध्यापक संघ (State Language Teachers Association) ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए शिक्षा सचिव (Education Secretary) से छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने की मांग की।
शिक्षक संघ ने कैसे किया मामला उजागर
राजकीय भाषायी अध्यापक संघ के राज्य अध्यक्ष हेमराज ठाकुर ने बताया कि हिंदी विषय के प्रश्नपत्र में हटाए गए अध्यायों से सवाल पूछे गए। इन अध्यायों में “चिट्ठियों की अनूठी दुनिया,” “ध्वनि,” “जब सिनेमा ने बोलना सीखा,” और “कामचोर” शामिल थे। यह अध्याय शिक्षा बोर्ड द्वारा पहले ही deleted from syllabus घोषित किए गए थे। संघ ने तुरंत शिक्षा बोर्ड सचिव से संपर्क किया और लिखित रूप में शिकायत भेजने की बात कही। बोर्ड सचिव ने मामले को स्वीकार किया और छात्रों की welfare को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त अंक प्रदान करने की घोषणा की।
टीजीटी कला संघ ने दिया समर्थन
टीजीटी कला संघ ने भी इस मामले को प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा बोर्ड द्वारा हटाए गए चैप्टर से प्रश्न पूछना highly disappointing है। इससे छात्रों का प्रदर्शन और आत्मविश्वास प्रभावित हुआ। संघ ने इसे बोर्ड की गंभीर गलती बताते हुए छात्रों के लिए उचित compensation की मांग की थी।
छात्रों के हित में लिया गया फैसला
छात्रों के हित को प्राथमिकता देते हुए बोर्ड ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों विषयों में छह-छह ग्रेस मार्क्स देने की अधिसूचना जारी कर दी। यह फैसला न केवल छात्रों के लिए राहत का काम करेगा, बल्कि भविष्य में प्रश्नपत्र तैयार करने में अधिक accuracy and vigilance की जरूरत को भी रेखांकित करता है।