हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने चिट्टे की तस्करी के झूठे मामले और जबरन वसूली की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए। इसके अलावा, JOA लाइब्रेरी भर्ती पर सुनवाई 26 दिसंबर तक टल गई।
चिट्टे की तस्करी और जबरन वसूली के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपे जाने का आदेश
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने चिट्टे की तस्करी के झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली करने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रदेश पुलिस के आचरण पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा संज्ञान योग्य अपराधों (cognizable offences) की तुरंत प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई, और यह पुलिस का आचरण निष्पक्ष नहीं था। याचिकाकर्ता ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे।
कोर्ट ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था को लागू करने वाली एजेंसी द्वारा पीड़ित के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया और सत्य की खोज के अधिकार को बनाए रखने के लिए यह आदेश जारी किया गया। कोर्ट ने एफआईआर संख्या 106/2024 (10 जून 2024) की जांच को पुलिस अधीक्षक, केंद्रीय जांच ब्यूरो, शिमला को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया और सीबीआई को तुरंत अपराध रिपोर्ट दर्ज करने और जांच को उसके तार्किक अंत तक पहुंचाने के लिए कहा।
पुलिस के आचरण पर सवाल और जांच में देरी
कोर्ट ने राज्य पुलिस को तीन दिनों के भीतर सीबीआई को मामले का मूल रिकार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया। इसके साथ ही, प्रमुख सचिव गृह को इस मामले में पुलिस अधिकारियों के आचरण की जांच करने को कहा। कोर्ट ने पुलिस के निष्पक्ष तरीके से काम करने पर जोर दिया और कहा कि इस मामले में कोई स्वतंत्र साक्ष्य एकत्र नहीं किया गया, जिससे पुलिस का आचरण संदेहास्पद बना। कोर्ट ने यह भी कहा कि एफआईआर में देरी को आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पुलिस की जांच में पक्षपाती रवैया और जांच में अनिच्छा से यह प्रतीत होता है कि वह मामले को सही तरीके से नहीं देख रही है।
जेओए लाइब्रेरी भर्ती पर सुनवाई 26 दिसंबर तक टली
JE0A लाइब्रेरी भर्ती मामले की सुनवाई 26 दिसंबर तक स्थगित
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने जेओए लाइब्रेरी के 767 पदों को भरने के मामले में सुनवाई को 26 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। सुनवाई के दौरान, डिप्टी एडवोकेट जनरल ने इस भर्ती मामले में सरकार से और निर्देश लेने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसके बाद हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 26 दिसंबर निर्धारित की।
कोर्ट में बताया गया कि शिक्षा विभाग ने पहले ही वित्त विभाग से 400 पदों को भरने की मंजूरी प्राप्त कर ली है। इन पदों के अलावा, रिकॉर्ड यह भी बताता है कि प्रदेश में स्कूलों में 767 पद अभी भी खाली हैं। शिक्षा विभाग ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि पदों को भरने के लिए विभाग पहले रिस्ट्रक्चरिंग करेगा और फिर यह तय करेगा कि किस स्कूल में इन पदों की आवश्यकता है।
इसके अलावा, हिमाचल मंत्रिमंडल ने उर्दू के 14 और पंजाबी के 17 पदों को भरने की मंजूरी दी है, जिनकी भर्ती अनुबंध आधार पर की जाएगी। यह भर्ती प्रक्रिया राज्य चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी।