Himachal News: CAG रिपोर्ट में सामने आए कई बड़े खुलासे

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री ने CAG (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट पेश की, जिसमें राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में दवाइयों के prescribed prices से अधिक कीमत वसूलने के मामलों पर कंपनियों को notices जारी किए गए हैं।

बिना लाइसेंस के ब्लड बैंक और एक्स-रे सेवाएं

राज्य के 25 स्वास्थ्य संस्थानों में से 12 ने बिना license renewal के ब्लड बैंक चलाए, जबकि 7 संस्थान बिना लाइसेंस के ही X-ray services दे रहे थे। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा को भी खतरे में डालता है।

मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन में लापरवाही

CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 199 स्वास्थ्य संस्थानों में medical waste management के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से No Objection Certificate (NOC) नहीं लिया गया। इनमें 85 सिविल अस्पताल, 94 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 575 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।

निरीक्षण और सैंपलिंग में कमी

रिपोर्ट में बताया गया कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम-1945 के तहत inspection और दवाइयों के samples लेने में भी भारी कमी रही। दवाइयों की गुणवत्ता पर ध्यान न देना स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर समस्या को दर्शाता है।

उपकरणों और दवाओं की कमी

CAG ने पाया कि डेंटल मेडिकल कॉलेज शिमला में अनिवार्य दवाइयां और essential equipment स्टोर में उपलब्ध नहीं थे। वर्ष 2016-2022 के दौरान रोगी कल्याण समिति कोष से स्टाइपेंड का भुगतान किया गया, जो कि वित्तीय नियमों के उल्लंघन का संकेत देता है।

अस्पतालों में स्टाफ और सुविधाओं की कमी

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि कुष्ठ रोग अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी है। Mental health and rehabilitation hospitals में डॉक्टरों और अनिवार्य दवाओं की अनुपलब्धता पाई गई।

अग्नि सुरक्षा में अनदेखी

CAG ने बताया कि कई स्वास्थ्य संस्थानों ने fire safety के लिए अग्निशमन विभाग से NOC तक प्राप्त नहीं किया। यह लापरवाही मरीजों और स्टाफ के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकती है।

डेटा में विसंगतियां

CAG ने DVDMS data और अस्पताल के रजिस्टरों के बीच भारी अंतर पाया। यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता की कमी है।

CAG की रिपोर्ट ने हिमाचल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों को उजागर किया है, जो कि राज्य सरकार के लिए एक बड़ा सबक हो सकता है।

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