Himachal News: बल्क ड्रग पार्क को तीन महीने में मिलेगा बिजली-पानी

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ऊना जिले के हरोली में बनने वाले हिमाचल प्रदेश के महत्त्वाकांक्षी बल्क ड्रग पार्क के लिए उद्योग विभाग ने नई समीक्षा बैठक में नए लक्ष्य तय किए हैं। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा में इस परियोजना को पूरा करने के लिए विभाग निरंतर समीक्षा कर रहा है। उद्योग निदेशक और एमडी सीईओ डॉ. यूनुस ने निर्देश दिए हैं कि 31 मार्च 2025 तक इस पार्क को बिजली और पानी की आपूर्ति साइट तक पहुंचानी चाहिए। इसके साथ ही, टेंडर दस्तावेज़ तैयार करने के लिए संबंधित एजेंसियों को दस दिन का समय दिया गया है, ताकि इन्हें हाई पावर कमेटी के सामने रखा जा सके।

यह कमेटी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान की अध्यक्षता में काम करती है। विभाग ने यह भी तय किया है कि 31 मार्च 2025 से पहले साइट डिवेलपमेंट, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। उद्योग निदेशक ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में तय समय सीमा के भीतर सभी कार्यों का पूरा होना अनिवार्य है, क्योंकि अगले साल भारत सरकार की डेडलाइन पूरी होनी है।

बैठक में यह भी बताया गया कि इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरणीय मंजूरी अंतिम चरण में है, और यह मंजूरी जल्द मिलनी जरूरी है। डॉ. यूनुस ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क हिमाचल सरकार का एक प्रमुख प्रोजेक्ट है, जो राज्य में फार्मा उद्योग को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा और औद्योगिक विकास की गति को तेज करेगा। बैठक में उद्योग निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक, बिजली बोर्ड, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग और एचपीएसआईडीसी के अधीक्षण अभियंता उपस्थित थे।

हिमाचल प्रदेश के हरोली में बनने वाले बल्क ड्रग पार्क के लिए उद्योग विभाग ने आगामी कार्यों के लिए नई रणनीति निर्धारित की है। इस परियोजना को समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए विभाग लगातार प्रगति की समीक्षा कर रहा है। उद्योग निदेशक डॉ. यूनुस ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 31 मार्च 2025 तक पार्क के लिए बिजली और पानी की आपूर्ति स्थल पर पहुंचने का कार्य पूरा कर लिया जाए। इसके अलावा, टेंडर दस्तावेजों को जल्द से जल्द फाइनल कर संबंधित एजेंसियों से अनुमोदन लिया जाएगा।

भारत सरकार की डेडलाइन को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट में सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना आवश्यक है। इस पार्क में साइट डिवेलपमेंट, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े टेंडर प्रक्रिया को भी 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंजूरी भी अंतिम चरण में है, और इसे जल्दी से जल्दी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। उद्योग निदेशक ने बल्क ड्रग पार्क को हिमाचल प्रदेश की औद्योगिक प्रगति के लिए एक अहम कदम बताया और कहा कि इससे फार्मा उद्योग को व्यापक लाभ मिलेगा।

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