हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर परिवहन निगम की नीतियों से नाराज हैं। परिवहन निदेशक के साथ हुई बैठक के बाद उन्हें दोबारा बुलाने का वादा किया गया था, लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद कोई बुलावा नहीं आया। इससे उनकी नाराजगी बढ़ गई है, और अब वे उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। ऑपरेटरों ने परिवहन निदेशक के समक्ष एचआरटीसी के खिलाफ अपनी शिकायतें और सभी तथ्य प्रस्तुत किए थे। निदेशक ने 10 दिनों के भीतर फिर से चर्चा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक एचआरटीसी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस स्थिति में निजी बस ऑपरेटर अपनी अगली रणनीति पर काम कर रहे हैं।
निजी बस ऑपरेटरों का आरोप है कि एचआरटीसी जेएनएनयूआरएम की बसों को क्लस्टर क्षेत्र से बाहर चला रही है, जबकि निजी ऑपरेटरों को अस्थायी रूट दिए जा रहे हैं। इससे ऑपरेटरों को घाटा हो रहा है, और अदालत के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है। परिवहन निदेशक ने दोनों पक्षों से बातचीत की है और विभागीय स्तर पर जांच भी चल रही है। यदि इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो ऑपरेटर इसे अदालत में ले जाने की योजना बना रहे हैं।
सरेंडर रूट्स के संदर्भ में, परिवहन विभाग ने 107 में से 87 रूट निजी ऑपरेटरों को आबंटित कर दिए हैं। इसके साथ ही नए रूटों का आबंटन भी शुरू हो गया है। हालांकि, एचआरटीसी और निजी ऑपरेटरों के बीच विवाद अब भी जारी है। परिवहन निदेशक डीसी नेगी का कहना है कि मामले की जांच और बातचीत जारी है, और जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा।