हिमाचल में स्कूलों में छुट्टी की सूचना में देरी, बच्चों और शिक्षकों को हुई परेशानी

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Himachal Pradesh में शुक्रवार को घोषित राजकीय अवकाश की सूचना बच्चों और स्कूल स्टाफ को देर से मिली, जिससे कई स्कूलों में असमंजस की स्थिति बन गई। छात्रों को स्कूल पहुंचने के बाद वापस भेजा गया, जबकि कुछ स्कूलों में परीक्षा और वार्षिक समारोहों को लेकर भी confusion उत्पन्न हुई। पढ़ें, कैसे इस देरी ने बच्चों और शिक्षकों को परेशानी में डाला।

हिमाचल स्कूलों में छुट्टी की सूचना में देरी, बच्चों और शिक्षकों को हुई परेशानी

Himachal Pradesh में शुक्रवार को घोषित दो दिवसीय राजकीय अवकाश की सूचना प्रशासन और बच्चों को देर से मिली, जिससे students and teachers को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ा। यह जानकारी लगभग 9 बजे के बाद वायरल हुई, लेकिन तब तक students and teachers पहले ही स्कूल पहुंच चुके थे। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे पहले ही स्कूल पहुंच गए थे, और दूरदराज के क्षेत्रों में कार्यरत कुछ शिक्षकों को बसों और गाड़ियों में सफर करते हुए छुट्टी की सूचना मिली। इस कारण कुछ स्कूलों में बच्चों को मॉर्निंग असेंबली के बाद ही घर भेज दिया गया।

स्थिति यह रही कि जब तक यह सूचना मिली, तब तक बच्चे स्कूल पहुंच चुके थे और स्कूल स्टाफ भी अपनी ड्यूटी पर था। इस देरी के कारण स्कूलों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। कई बच्चे वापस घर लौटे, लेकिन कुछ स्कूलों में तो सुबह की असेंबली भी करवाई गई, और इसके बाद बच्चों को वापस भेजा गया।

चंबा में परीक्षा के दौरान हुआ असमंजस, सोशल मीडिया पर उठे सवाल

चंबा जिले में जहां समर क्लोजिंग स्कूलों में टर्मिनल एग्जाम चल रहे थे, वहां छुट्टी की जानकारी मिलते ही एक नई समस्या उत्पन्न हो गई। चूंकि छुट्टी की सूचना स्कूल के समय के बाद मिली, इसलिए कई स्कूलों में परीक्षा का बंडल खोलने के बाद भी परीक्षा को जारी रखना पड़ा। ऐसे में शुक्रवार को होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया गया। शिक्षक संगठनों ने सोशल मीडिया पर इस पर सवाल उठाए और मांग की कि यदि राज्य सरकार को अवकाश घोषित करना था तो उसे जल्दी सुबह ही जानकारी देनी चाहिए थी। इस देरी के कारण बच्चों को पहले स्कूल जाना पड़ा और फिर वापस घर लौटना पड़ा।

इस मुद्दे को लेकर कई students and teachers और अभिभावकों ने प्रतिक्रिया दी कि स्कूलों में बच्चे और शिक्षक बहुत पहले से अपनी तैयारी कर रहे थे, लेकिन सूचना देर से मिलने के कारण बच्चों को असुविधा का सामना करना पड़ा। कई अभिभावकों का कहना है कि यह स्थिति शिक्षा के सही संचालन में बाधा डाल रही है और भविष्य में ऐसी असुविधा से बचने के लिए बेहतर सूचना प्रणाली की आवश्यकता है।

वार्षिक समारोह की तारीखों पर असमंजस, स्कूलों में स्थिति बनी अस्पष्ट

Himachal Pradesh के स्कूलों में वार्षिक समारोहों के आयोजन को लेकर भी स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। शिक्षा विभाग ने 31 दिसंबर तक वार्षिक समारोहों के आयोजन के निर्देश जारी किए थे, हालांकि पहले इस आयोजन की तारीख नवंबर में तय की गई थी। लेकिन बाद में स्कूलों ने इस तारीख को बढ़ाने की मांग की थी। अब समर क्लोजिंग स्कूलों के परिणाम 31 दिसंबर तक घोषित होने हैं, जबकि विंटर क्लोजिंग स्कूल 12 फरवरी तक बंद रहेंगे।

इस असमंजस की वजह से सवाल उठ रहे हैं कि इन स्कूलों में वार्षिक समारोहों का आयोजन कब होगा। इसके बारे में अभी तक कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। अब तक शिक्षा विभाग ने सिर्फ दो दिन का अवकाश ही घोषित किया है, लेकिन वार्षिक समारोहों के आयोजन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।

समस्या के समाधान के लिए शिक्षा विभाग को चाहिए स्पष्ट दिशा-निर्देश

यह स्थिति स्कूलों में शिक्षा गतिविधियों के सुचारू संचालन में बाधा डाल रही है। बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए यह समय-समय पर स्पष्ट निर्देशों का पालन करना कठिन हो गया है। अब शिक्षा विभाग को जल्दी से जल्दी वार्षिक समारोह और अन्य महत्वपूर्ण शिक्षा गतिविधियों के आयोजन को लेकर एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।

कई स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षक इस स्थिति से परेशान हैं और चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए सरकार से सही समय पर दिशा-निर्देश मिले। यदि अवकाश की सूचना समय से पहले दी जाती तो बच्चों और शिक्षकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा वार्षिक समारोहों और परीक्षा के आयोजन के लिए भी एक स्पष्ट और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होना चाहिए, ताकि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में कोई विघ्न न आए।

डिजिटल माध्यम से सूचना प्रसारण की जरूरत

इस स्थिति को देखते हुए यह भी कहा जा सकता है कि डिजिटल माध्यम के जरिए सूचना प्रसारण का तरीका अपनाया जाए। सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जल्दी से जल्दी अपडेट दी जा सकती है ताकि students and teachers और अभिभावक समय पर सूचित हो सकें। इसके अलावा, यदि शिक्षा विभाग या राज्य सरकार को छुट्टी का ऐलान करना हो, तो यह सुबह से पहले होना चाहिए, ताकि बच्चों को स्कूल जाने और फिर वापस लौटने का समय न गंवाना पड़े।

इसके अलावा, इन सभी मुद्दों पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द एक स्थिर नीति बनानी चाहिए, ताकि स्कूलों में ऐसे भ्रम और असमंजस की स्थिति न बने।

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