हिमाचली ही चला सकेंगे होम स्टे, सरकार का नया निर्णय

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने होम स्टे पॉलिसी के तहत नए नियमों को मंजूरी दे दी है, जो न केवल हिमाचली संचालकों को राहत देंगे, बल्कि बाहरी राज्यों के लोगों पर शिकंजा भी कसेंगे। पहले होम स्टे या बी एंड बी के नाम पर बाहरी लोग भी व्यवसाय चला रहे थे, जिससे सरकार को अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा था। अब सरकार ने अपनी पॉलिसी के तहत निर्णय लिया है कि केवल हिमाचली लोग ही होम स्टे चला सकेंगे, और पंजीकरण केवल उन्हीं व्यक्तियों के नाम पर होगा, जो बोनाफाइड हिमाचली होंगे।

नई पॉलिसी में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को अलग-अलग वर्गीकृत किया गया है, और इन क्षेत्रों में बिजली और पानी के बिलों को भी अलग-अलग रखा जाएगा। इसके अलावा, होम स्टे के लिए अब प्रदूषण बोर्ड और स्थानीय निकायों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ाकर अब हजारों रुपए कर दिया गया है। पहले जहां केवल 100 रुपए फीस थी, अब 1 से 3 कमरों वाले होम स्टे के लिए नगर निगम क्षेत्र में 8000 रुपए रिन्यूवल फीस होगी, और पंचायतों में यह 3000 रुपए होगी।

इसके अतिरिक्त, सरकार ने छूट देने की योजना भी बनाई है; यदि कोई व्यक्ति तीन साल की रिन्यूवल फीस एक साथ अदा करता है, तो उसे 10 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा। नई पॉलिसी के तहत, होम स्टे इकाइयों में उचित मल निकासी और कचरा निपटान तंत्र अनिवार्य किया गया है, साथ ही वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने होम स्टे संचालन के संबंध में एक नया निर्णय लिया है, जिसके तहत अब केवल हिमाचली नागरिक ही होम स्टे चला सकेंगे। यह कदम स्थानीय पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने और हिमाचलवासियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की पारंपरिक संस्कृति और होम स्टे के अनुभव को बढ़ावा भी मिलेगा। इस फैसले से बाहर के लोगों को होम स्टे संचालित करने में रोक लगेगी, जिससे राज्य के भीतर पर्यटन उद्योग पर अधिक नियंत्रण रखा जा सकेगा।

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