प्रदेशवासियों ने मुख्यमंत्री से हिमकेयर योजना को फिर से शुरू करने की अपील की है, जिसमें निजी अस्पतालों को भी शामिल किया जाए। उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की कमी के कारण गरीबों को भारी परेशानी हो रही है।
जनता की अपील: हिमकेयर योजना का दायरा बढ़ाने की मांग
प्रदेश की जनता ने प्रदेश सरकार और chief-minister से आग्रह किया है कि हिमकेयर योजना का दायरा बढ़ाकर इसे private-hospitals में फिर से शुरू किया जाए। उनका मानना है कि सरकारी अस्पताल हर मर्ज का न तो इलाज कर पा रहे हैं और न ही सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा पा रहे हैं।
हिमकेयर योजना: गरीबों की जीवन रेखा
हिमाचल प्रदेश के आम लोगों, खासकर गरीब तबके ने himcare-yojana को एक जीवन रेखा के रूप में देखा था। यह योजना गरीब लोगों को private-hospitals में गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा प्रदान कर रही थी, जिससे कई परिवारों को राहत मिली थी। लेकिन अब हिमकेयर योजना के बंद होने से लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं और उन्हें इलाज के लिए बाहरी राज्यों तक जाना पड़ रहा है।
योजना को बंद करने से जनता को हो रही परेशानी
लोगों का कहना है कि himcare-yojana को बंद करने से उन्हें गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेशवासियों ने मुख्यमंत्री से यह अपील की है कि यदि योजना में कोई खामियां थीं, तो उन्हें सुधारा जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
खामियों को ठीक करने और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
जनता ने यह भी कहा कि योजना के तहत कुछ अधिकारियों और private-hospitals ने गड़बड़ी की थी, जिन्हें blacklist किया जाना चाहिए था। इसके बजाय पूरी योजना को बंद कर देना गरीबों के लिए अन्यायपूर्ण है। लोगों ने chief-minister से यह भी कहा है कि यदि योजना में कोई खामियां थीं, तो उन खामियों को सुधारने की प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि लोगों को फिर से इसकी मदद मिल सके।
सरकारी अस्पतालों की कमी पर जोर
प्रदेशवासियों ने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की जो कमी है, उसे दूर किया जाना चाहिए। इससे पहले की स्थिति में, लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज न मिलने पर private-hospitals का सहारा लेते थे, और यह योजना उन्हें राहत प्रदान करती थी।
सख्त कार्रवाई की आवश्यकता: योजनाओं के दुरुपयोग पर कड़ा नियंत्रण
जनता ने chief-minister सुखविंदर सिंह सुक्खू से यह भी अपील की है कि himcare-yojana में जो private-hospitals गड़बड़ी कर रहे थे, उन्हें कड़ी सजा दी जाए और उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए जिन्होंने इस योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं किया।
मुख्यमंत्री से योजना को फिर से शुरू करने की मांग
लोगों ने chief-minister से यह भी अनुरोध किया है कि यदि योजना में कोई खामियां थीं, तो उन पर सुधार किया जाए, लेकिन योजना को पूरी तरह से बंद करना गरीबों के लिए नुकसानदायक है। सरकार का मुख्य उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए काम करना है, और himcare-yojana को बंद करने से गरीबों के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।