एचआरटीसी के 43 रूट बंद, आठ ट्रेनें रद्द; 500 ट्रक खड़े

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एचआरटीसी के 43 रूट ठप हो गए हैं, आठ ट्रेनें रद्द की गई हैं, और 500 ट्रकों का संचालन ठप हो गया है। जानें इस अवरोध के कारण और प्रभाव

किसानों के समर्थन में ‘पंजाब बंद’ को मिला व्यापक सहयोग

फसलों के Minimum Support Price (MSP) समेत 13 मांगों को लेकर पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता Jagjit Singh Dallewal के समर्थन में किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब बंद का आह्वान किया। इस बंद को राज्य भर में भारी समर्थन मिला, हालांकि कुछ स्थानों पर विरोध भी देखा गया।

रेल और सड़कों पर प्रदर्शन

सोमवार को किसानों ने रेलवे लाइनों और प्रमुख सड़कों पर धरना देकर यातायात पूरी तरह ठप कर दिया। पंजाब में करीब 270 स्थानों पर नाकेबंदी की गई, जिससे रेल और सड़क सेवाएं बाधित रहीं। किसान नेता सरबन सिंह पंधेर ने कहा कि इस दौरान emergency services चालू रखी गईं। शाम 4 बजे के बाद धरने हटने पर दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर यातायात बहाल हुआ।

बाजार और मंडियां बंद

‘पंजाब बंद’ के कारण सब्जी और अनाज मंडियां बंद रहीं। व्यापार मंडल, आढ़ती एसोसिएशन और कई अन्य संगठनों ने स्वेच्छा से बंद में भाग लिया। हालांकि, लुधियाना का चौड़ा बाजार खुला रहा, जहां किसानों और दुकानदारों के बीच बहस हुई।

यात्रा पर व्यापक प्रभाव

बंद के चलते रेलवे ने Vande Bharat Express समेत 163 ट्रेनों को रद्द कर दिया। कई यात्री जालंधर, अमृतसर और लुधियाना के रेलवे स्टेशनों पर फंसे रहे। यात्रियों को होटलों में ठहरना पड़ा। साथ ही, पंजाब से आठ राज्यों के लिए चलने वाली 576 बस सेवाएं भी बंद रहीं। Haryana and Himachal Pradesh की बसें भी पंजाब में प्रवेश नहीं कर सकीं।

सड़क पर विरोध और तनाव

कई जगहों पर किसानों और स्थानीय लोगों के बीच बहस हुई। Ludhiana’s Ladhowal toll plaza प्लाजा पर एक व्यक्ति ने किसान पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, जिसे बाद में रोक लिया गया। जालंधर में बारात किसानों के जाम में फंस गई। दूल्हे ने किसानों के झंडे के साथ नारे लगाए और आगे बढ़ा।

शैक्षिक गतिविधियों पर असर

बंद के कारण Punjab University, चंडीगढ़ समेत राज्य की सभी यूनिवर्सिटियों ने सोमवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दीं। छात्र संघों ने भी इस बंद को समर्थन दिया।

किसानों का समर्थन और जनता का रुख

किसान नेता सरबन सिंह पंधेर ने ‘Punjab Bandh’ को सफल बनाने के लिए सभी वर्गों का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि किसी को भी जबरन दुकान बंद नहीं करनी पड़ी। व्यापार मंडल और जत्थेबंदियों ने स्वेच्छा से बंद में भाग लिया।

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