उपमंडल नूरपुर में बन रहे फोरलेन सड़क के निर्माण कार्यों की धीमी गति से स्थानीय लोग परेशान हैं। कंडवाल से भेडख़ड्ड तक 28 किलोमीटर लंबे फोरलेन मार्ग पर यात्रा करना खतरों से भरा हो गया है। जसूर से पक्का टियाला तक की सड़क स्थिति और भी गंभीर है, जहां पूरी सड़क अभी भी निर्माणाधीन है। मई 2022 में शुरू हुआ यह परियोजना मई 2024 तक पूरा होना था, लेकिन अब भी यह निर्धारित समयसीमा से छह महीने पीछे चल रही है। एनएचएआई के अधिकारियों के पास इस देरी के लिए कोई संतोषजनक जवाब नहीं है।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, विकास सुरजेवाला ने बताया कि जसूर से कंडवाल तक के निर्माण कार्य में तेजी लाई गई है, और इसे दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बीच, निर्माणाधीन क्षेत्रों जैसे जसूर, छतरोली, राजा का बाग, नागाबाड़ी और पक्का टियाला में धूल के कारण राहगीरों, दोपहिया वाहन चालकों और स्थानीय निवासियों को कठिनाई हो रही है।
जसूर में फ्लाईओवर का निर्माण पिछले दो साल से अधूरा पड़ा है, जिससे वहां के व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके अलावा, नूरपुर बाइपास का निर्माण भी लंबित पड़ा है, जिसके कारण शहर के प्रमुख बाजारों में अक्सर जाम लगता है। कंडवाल से भेडख़ड्ड तक इस फोरलेन सड़क पर अब तक 42 हादसे हो चुके हैं, जिनमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थानीय लोग केंद्र सरकार से इस निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने की अपील कर रहे हैं।