प्रियंका गांधी के भाषण में छलका हिमाचल प्रदेश का दर्द, सरकार पर उठाए सवाल

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प्रियंका गांधी वाड्रा के हालिया भाषण में हिमाचल प्रदेश का दर्द स्पष्ट रूप से झलका। उन्होंने राज्य की वर्तमान स्थिति और सरकार की नीतियों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। प्रियंका ने कहा कि हिमाचल की जनता लंबे समय से विकास और राहत की उम्मीद कर रही थी, लेकिन राज्य में लोगों के प्रति सरकार की उपेक्षा और उनके संघर्षों को अनदेखा किया जा रहा है।

प्रियंका गांधी ने राज्य में रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दों पर भी बात की और कहा कि सरकार को जनता की मूलभूत आवश्यकताओं की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने हिमाचल के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य की दिशा बदलने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। प्रियंका के भाषण में राज्य के ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के हालात का भी जिक्र था, जहाँ सरकार की योजनाओं का प्रभाव नहीं पहुंच रहा है।

इस दौरान प्रियंका ने कांग्रेस पार्टी की योजनाओं को भी उजागर किया, जो उनके अनुसार राज्य के नागरिकों के लिए लाभकारी साबित होंगी। उनका यह भाषण हिमाचल प्रदेश की जनता के बीच गहरी छाप छोड़ गया और पार्टी के समर्थन में एक नई लहर उत्पन्न करने का प्रयास माना जा रहा है।

कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान हिमाचल प्रदेश का जिक्र किया और वहां की समस्याओं को उठाया। प्रियंका गांधी ने हिमाचल के बागवानों की मुश्किलें साझा की और कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। उन्होंने विशेष रूप से अदाणी समूह को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने हिमाचल के छोटे किसानों और बागवानों का शोषण किया है, जिनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में ऑपरेशन लोट्स का भी जिक्र किया, जिसमें भाजपा ने पैसे के बल पर हिमाचल की कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र, हिमाचल और गोवा में राजनीति के नाम पर सरकारों को गिराने का प्रयास किया, लेकिन हिमाचल की जनता ने भाजपा को मुंहतोड़ जवाब दिया है और आज राज्य में मजबूत कांग्रेस सरकार है। प्रियंका ने कहा कि केंद्र सरकार जो कानून बना रही है, वह केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए हैं, जिससे हिमाचल के छोटे किसानों और बागवानों को नुकसान हो रहा है।

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