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14 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत: 62 हजार मामलों का समाधान प्रक्रिया में

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हिमाचल प्रदेश में 14 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अब तक 62 हजार से अधिक मामलों के समाधान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों को आपसी समझौते और सहमति के आधार पर निपटाना है। राज्य में जिला एवं तहसील स्तर पर आयोजित की जाने वाली इस अदालत में सिविल, राजस्व, पारिवारिक, मोटर वाहन क्षतिपूर्ति, बैंक ऋण व अन्य विवादों को शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय लोक अदालत में लोगों को सुलह-समझौते के माध्यम से त्वरित न्याय दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित मध्यस्थ और न्यायिक अधिकारी तैनात किए गए हैं। लोक अदालत में आने वाले मामलों में समझौते के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं, जिससे समय और पैसे की बचत होती है।

हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वे इस लोक अदालत का लाभ उठाएं और अपने लंबित मामलों का निपटारा कराएं। यह आयोजन न केवल विवादों को समाप्त करने में सहायक है, बल्कि न्यायालयों पर बढ़ते बोझ को भी कम करता है।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष, न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान के मार्गदर्शन में 14 दिसंबर को प्रदेश के सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस लोक अदालत में ट्रैफिक मजिस्ट्रेट के न्यायालयों में एमवी चालान मामलों में ई-कोर्ट डिजिटल भुगतान के माध्यम से कंपाउंडिंग शुल्क के ऑनलाइन भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

जनता को राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति जागरूक करने के लिए आईईसी सामग्री के वितरण के साथ-साथ स्थानीय निकाय, गैर सरकारी संगठनों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, पैरा लीगल वालंटियर्स और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का सहयोग लिया जा रहा है। अब तक विभिन्न अदालतों द्वारा निपटान के लिए लगभग 62,000 मामलों की पहचान की जा चुकी है।

मामलों की प्रभावी पहचान के लिए बार संघों, बीमा कंपनियों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी कानूनी जागरूकता बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत सिंह ने जनता से इस अवसर का लाभ उठाने और अपने लंबित मामलों के निपटारे के लिए लोक अदालत में शामिल होने का आग्रह किया है।

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