कहा कि बेटियों का बढ़ता योगदान बेहतर भारत के निर्माण में दूरगामी प्रभाव डालेगा। यह बात उन्होंने डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के 13वें दीक्षांत समारोह के दौरान कही। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश के निर्माता और प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के योगदान को भी स्मरण किया।
राज्यपाल ने छात्रों से अपील की कि वे शोध और अनुसंधान के माध्यम से उन्नत तकनीकों की जानकारी किसानों तक पहुंचाएं और उनकी समस्याओं का समाधान करना अपना कर्तव्य समझें। समारोह में उन्होंने 119 पीएचडी की उपाधियां प्रदान कीं और छात्रों को हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने की भी अपील की।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन कुल क्षेत्र का 49 प्रतिशत और फल उत्पादन में 84 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में 5000 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान होता है। हालांकि, उन्होंने मौसम परिवर्तन और रासायनिक कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग पर चिंता व्यक्त की, जो फल उत्पादन और गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं।
राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत 2481 करोड़ रुपए की योजना का लाभ उठाने की बात कही। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की भी प्रशंसा की और विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया।