पाठशाला प्रभारी नसीब चंद ने बताया कि उन्होंने बच्चों को स्कूल लाने के लिए घर-घर जाकर प्रयास किया, लेकिन शुक्रवार को अभिभावक बच्चों के साथ आए, फिर भी बिना हाजिरी लगाए वापस लौट गए। खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रकांता ने कहा कि केंद्र से आदेश जारी कर दिया गया है कि रोटेशन के आधार पर शिक्षक भेजे जाएंगे और इस समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई और नुकसान न हो।
बिलासपुर जिले के अपर दबट प्राइमरी स्कूल में स्थायी शिक्षक की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई में बड़ी रुकावट आ रही है। स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले 21 छात्रों ने पिछले चार दिनों से स्कूल जाना बंद कर दिया है, जिसका कारण यहां स्थायी शिक्षक की तैनाती न होना बताया जा रहा है। 12 दिसंबर को होने वाली असेसमेंट परीक्षा में भी ये छात्र अनुपस्थित रहे, जिससे उनकी पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ने का खतरा है। अभिभावकों ने कहा है कि यदि शिक्षा विभाग ने जल्दी ही स्थायी शिक्षक की तैनाती नहीं की, तो वे बच्चों को अन्य स्कूल में स्थानांतरित कर देंगे।
एसएमसी प्रधान किरण देवी ने बताया कि पिछले छह महीने से यहां एक अध्यापक को दूसरे स्कूल में भेज दिया गया था, और शिक्षा विभाग को इस बारे में कई बार सूचित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्कूल के प्रभारी अध्यापक नसीब चंद ने बताया कि उन्होंने बच्चों को स्कूल लाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन अभिभावक बिना हाजिरी लगाए लौट गए। खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रकांता ने कहा कि रोटेशन के आधार पर शिक्षक भेजने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, और समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को स्कूल भेजें, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।