ऐसी व्यवस्था लागू करने वाला शिमला प्रदेश का पहला शहर बन जाएगा। शहर के कारोबारी भी इसके दायरे में आएंगे। ये 150 रुपए मासिक शुल्क देकर नगर निगम से पास बनवा सकते हैं। पास दिखाकर कारोबारी और इनके सेल्समैन महीने भर तक सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल कर सकेंगे।
शिमला में सार्वजनिक शौचालयों पर शुल्क लागू
अब शिमला में महिला और पुरुष दोनों को सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करने के लिए 5 रुपए शुल्क देना होगा। नगर निगम ने नए साल से इस नियम को लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे शिमला प्रदेश का पहला ऐसा शहर बन जाएगा।
कारोबारियों के लिए पास की सुविधा
शहर के कारोबारी और उनके सेल्समैन 150 रुपए का मासिक पास बनवाकर सार्वजनिक शौचालयों का unlimited usage कर सकेंगे। यह पास नगर निगम से लिया जा सकेगा और इसे दिखाकर पूरे महीने सार्वजनिक शौचालय का उपयोग किया जा सकता है।
130 शौचालयों में से 30 पर होगी शुल्क वसूली
शहर में कुल 130 सार्वजनिक शौचालय हैं, जिनमें से 30 शौचालयों पर यह शुल्क वसूला जाएगा। ये शौचालय मुख्य बाजार और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में स्थित हैं। नगर निगम का कहना है कि proper maintenance और संचालन के लिए यह शुल्क आवश्यक है।
महिलाओं के लिए यूरिनल शुल्क विवाद
कुछ समय पहले प्रदेश हाई कोर्ट ने महिलाओं को free urinal facility देने का आदेश दिया था। हालांकि, कई स्थानों पर अब भी महिलाओं से पैसे वसूले जा रहे हैं। नगर निगम ने इस समस्या को हल करने के लिए सार्वजनिक शौचालयों पर शुल्क का प्रावधान किया है।
सुलभ इंटरनेशनल का संचालन और भुगतान
शिमला में अधिकांश सार्वजनिक शौचालयों का संचालन Sulabh International द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम हर महीने 2.44 लाख रुपए का भुगतान करता है। नगर निगम के अनुसार, शौचालयों के रखरखाव और संचालन की लागत बढ़ रही है, इसलिए शुल्क वसूली जरूरी है।
शौचालयों पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा
सार्वजनिक शौचालयों पर UPI payment के लिए QR कोड लगाए जाएंगे, ताकि लोग आसानी से डिजिटल माध्यम से भुगतान कर सकें।
बैठक में चर्चा और निर्णय
महापौर सुरेंद्र चौहान और उप महापौर उमा कौशल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केवल कांग्रेस पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। मेयर ने स्पष्ट किया कि यह toilet tax नहीं है, बल्कि शौचालयों की maintenance fee है।