शूलिनी यूनिवर्सिटी को मिली सिल्वर रेटिंग, ऑनलाइन लर्निंग में विश्व स्तर पर 25वां स्थान

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शूलिनी यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन लर्निंग के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में यूनिवर्सिटी को सिल्वर रेटिंग प्रदान की गई है और उसे ऑनलाइन लर्निंग रैंकिंग में विश्व स्तर पर 25वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की शिक्षा और प्रशिक्षण पद्धतियों की गुणवत्ता को प्रमाणित करती है, जो छात्रों को उच्च मानक की शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। शूलिनी यूनिवर्सिटी की यह सफलता उसके शैक्षिक प्रयासों और डिजिटल लर्निंग में उत्कृष्टता को दर्शाती है। यूनिवर्सिटी की ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को पूरी दुनिया में सराहा गया है, और यह उन छात्रों के लिए एक आदर्श मॉडल बन चुकी है, जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।

शूलिनी यूनिवर्सिटी ने टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) ऑनलाइन लर्निंग रैंकिंग (ओएलआर) 2024 में प्रतिष्ठित सिल्वर रेटिंग हासिल की है, जो उसकी उत्कृष्टता का प्रतीक है। इस मान्यता ने शूलिनी विश्वविद्यालय को ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर पर शीर्ष 25 संस्थानों में शामिल कर लिया है। ओएलआर 2024 में 120 विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें शूलिनी को अपने मजबूत प्रदर्शन के लिए रजत श्रेणी में स्थान मिला है। यह रैंकिंग चार श्रेणियों में संस्थानों का आकलन करती है: स्वर्ण, रजत, कांस्य और रिपोर्टर।

शूलिनी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, प्रो. आशीष खोसला ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यूनिवर्सिटी की नवीन शिक्षण सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्रतिबद्धता ने इसे वैश्विक मंच पर अलग पहचान दिलाई है। विश्वविद्यालय की ऑनलाइन शिक्षा पहल, विशेष रूप से सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (एससीडीओई), ने अपनी प्रभावशाली और सुलभ ऑनलाइन शिक्षा के लिए यह मान्यता हासिल की है। शूलिनी विश्वविद्यालय, जो नवंबर 2022 में स्थापित हुआ था, अब ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बन चुका है।

भारत में शूलिनी यूनिवर्सिटी ने जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) और मानव रचना यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ रजत श्रेणी में स्थान पाया है, जबकि एमिटी नोएडा, केएलयू, एलपीयू और मणिपाल जयपुर जैसे विश्वविद्यालयों को कांस्य रेटिंग मिली है। शूलिनी यूनिवर्सिटी अपने ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रमों के लिए ‘पे-आफ्टर-प्लेसमेंट’ मॉडल पेश करने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जो छात्रों को नौकरी प्राप्ति के बाद फीस चुकाने की सुविधा देता है।

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