हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) ने पिछले दो वर्षों में कई बड़े बदलाव और प्रगति देखी है। विश्वविद्यालय को मेरू प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये की ग्रांट स्वीकृत की गई है। यह राशि उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत दी गई है, जिसका उपयोग आधारभूत संरचना और शोध गतिविधियों को मजबूत करने में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने घणाहट्टी में विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर की मंजूरी दे दी है, जिससे शिक्षा सुविधाओं का विस्तार होगा। विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षक कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिया गया है, जिससे उनके कार्य संतोष में वृद्धि हुई है।
शोध और नवाचार के क्षेत्र में, विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। डिजिटल शिक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम और संसाधन तैयार किए गए हैं, जिससे छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
हालांकि, 300 शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने और गैर-शिक्षण स्टाफ की लंबित भर्तियों की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम और मल्टी डिग्री एंट्री-एग्जिट प्लान लागू करने के प्रयास जारी हैं।