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शीत सत्र के पहले ही दिन लगेगा व्यवस्था परिवर्तन का चौका: नए विधेयक पेश करेंगे मुख्यमंत्री सुक्खू

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धर्मशाला के तपोवन में बुधवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही हिमाचल प्रदेश में बड़े प्रशासनिक बदलावों का आगाज होने जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक साथ चार महत्वपूर्ण विधेयक विधानसभा में पेश करेंगे, जिनसे राज्य की सरकारी व्यवस्था और कानूनों में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे।

 हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024

मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा सदन में पेश किया जाने वाला पहला विधेयक हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 होगा। इस नए विधेयक के माध्यम से राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए एक नया ढांचा तैयार करेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब केवल रेगुलर कर्मचारी ही भर्ती के नियमों के तहत आएंगे, जिससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और पारंपरिक ढांचे का पालन सुनिश्चित होगा। इस विधेयक के अन्य प्रावधान भी बुधवार को सदन में पेश किए जाएंगे।

 हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक-2024

राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश पुलिस एक्ट में भी संशोधन करने जा रही है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक-2024 लाया जा रहा है, जिसमें तीन प्रमुख बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं:

पब्लिक सर्वेंट की अरेस्ट के लिए अब राज्य सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
पुलिस कांस्टेबल की भर्ती अब स्टेट कैडर में मानी जाएगी, जिससे भर्ती प्रक्रिया में सुधार आएगा।
पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी में सेशन जज के स्तर से नियुक्ति संभव होगी, जो अब तक उच्च न्यायालय से जुड़ी होती थी।

 हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024

पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 को सदन में पेश करेंगे। इस विधेयक के माध्यम से मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में की गई घोषणाओं को लागू किया जाएगा, जिसमें नए जिला परिषद और बीडीसी वार्डों की स्थापना की योजना है। साथ ही, आगामी पंचायती राज चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक्ट में अन्य सुधार किए जाएंगे।

 हिमाचल प्रदेश भू जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024

राज्य सरकार Land Ceiling Act में भी बदलाव करने जा रही है, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश भू जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 लाया जा रहा है। इस संशोधन के तहत राधा स्वामी सत्संग ब्यास के भोटा अस्पताल के विवाद के बाद राज्य सरकार को लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव लाने की आवश्यकता महसूस हुई थी। इस बिल के माध्यम से बोनाफाइड हिमाचलियों को राहत देने की कोशिश की जाएगी, जिससे राज्य में संपत्ति से संबंधित विवादों का समाधान आसान हो सके।

विरोध और सहमति के बावजूद बढ़ी सरकार की गति

लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव को लेकर पहले राज्य मंत्रिमंडल में असहमति थी, लेकिन CM सुक्खू ने इस फाइल को सर्कुलेशन के माध्यम से क्लियर करवा लिया। अब यह bill विधानसभा में रखा जाएगा, और विपक्ष की प्रतिक्रिया पर भी नजर रहेगी, खासकर जब यह बिल सदन से पारित होने के बाद केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए जाएगा।

निष्कर्ष

इस शीतकालीन सत्र में इन विधेयकों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में एक बड़े प्रशासनिकchanging की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। जहां एक ओर ये विधेयक राज्य के प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करेंगे, वहीं दूसरी ओर इन बदलावों के विरोधी पक्ष पर भी दबाव डालेंगे। शीतकालीन सत्र में इन प्रस्तावों पर चर्चा और पारित होने के बाद राज्य की प्रशासनिक और कानूनी संरचना में नया अध्याय जुड़ सकता है।

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