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टाटा और पारले खरीदेंगे एप्पल कंसंट्रेट, एचपीएमसी ने तैयार किया है 2000 टन उत्पाद

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एचपीएमसी (हिमाचल प्रदेश मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी) से एप्पल कंसंट्रेट लेने के लिए चार कंपनियों ने रुझान दिखाया है, और उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य कंपनियां भी इस उत्पाद को खरीदने के लिए सामने आएंगी। इन कंपनियों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है, और एचपीएमसी ने 2000 टन एप्पल कंसंट्रेट तैयार कर लिया है, जिसे और बढ़ाकर 500 से 600 टन और तैयार किया जाएगा। पारले और टाटा जैसी बड़ी कंपनियों के अधिकारियों ने एचपीएमसी के पराला प्लांट का दौरा किया और अगले सीजन में कंसंट्रेट खरीदने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, एचपीएमसी ने इस कंसंट्रेट को खुद भी बेचना शुरू करने की योजना बनाई है, और इसके लिए टेंडर भी जारी किए हैं।

आने वाले समय में पराला प्रोसेसिंग प्लांट से एचपीएमसी को बड़ा लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि यह प्लांट आधुनिक मशीनों से एप्पल कंसंट्रेट तैयार करता है, जो उच्च गुणवत्ता का होता है। एचपीएमसी के जड़ोल और परवाणू में भी इसी तरह के प्लांट स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, रेलवे के साथ भी एचपीएमसी कंसंट्रेट की आपूर्ति करने के लिए बातचीत कर रहा है। भविष्य में, एचपीएमसी टेट्रा पैक में जूस तैयार करने और कंसंट्रेट आधारित वाइन और साइडर बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार से लाइसेंस की मंजूरी मिल चुकी है।

एचपीएमसी (हिमाचल प्रदेश मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी) से एप्पल कंसंट्रेट की खरीद के लिए चार कंपनियों ने रुचि दिखाई है, और संभावना है कि और कंपनियां भी इसमें शामिल होंगी। एचपीएमसी ने अब तक 2000 टन कंसंट्रेट तैयार किया है और इस संख्या में 500 से 600 टन और बढ़ने की उम्मीद है। पारले और टाटा जैसे बड़े ब्रांडों के अधिकारियों ने एचपीएमसी के पराला प्लांट का दौरा किया और आगामी सीजन में कंसंट्रेट खरीदने की योजना जताई है। एचपीएमसी ने इसके लिए टेंडर जारी किए हैं और अन्य कंपनियों के साथ बातचीत भी चल रही है।

एचपीएमसी को पराला प्रोसेसिंग प्लांट से बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है क्योंकि यह अत्याधुनिक मशीनों से उच्च गुणवत्ता वाले कंसंट्रेट का उत्पादन करता है। इसके अलावा, एचपीएमसी ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए रेलवे के साथ बातचीत शुरू की है, जो विशेष रूप से जूस की डिमांड करता है। एचपीएमसी भविष्य में कंसंट्रेट आधारित वाइन और साइडर बनाने की योजना भी बना रहा है, जिसके लिए राज्य कर और आबकारी विभाग से लाइसेंस की मंजूरी प्राप्त हो चुकी है।

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