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TMC के स्टाफ की छुट्टी की जल्दी: राजकीय शोक-अवकाश की घोषणा होते ही खाली किए दफ्तर और ओपीडी

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राजकीय शोक-अवकाश की घोषणा होते ही TMC के स्टाफ ने जल्दबाजी में दफ्तर और ओपीडी छोड़ दी। मरीजों और कामकाज पर पड़ा असर, जानें पूरी खबर।

TMC में मरीजों की मुश्किलें: अवकाश के चलते बाधित हुई सेवाएं

पर्ची काउंटर मरीजों से भरा हुआ था और ओपीडी के बाहर लंबी कतारें लगी थीं। लेकिन स्टाफ ने छुट्टी के बहाने काम छोड़ दिया। यह भी नहीं सोचा गया कि शुक्रवार से रविवार तक मेडिकल कॉलेज लगातार बंद नहीं रह सकता। इस दौरान करीब एक घंटे तक पर्ची काउंटर बंद रहा। हालांकि, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर घोषित दो दिन के राजकीय अवकाश के बावजूद, टांडा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक घंटे की रुकावट के बाद ओपीडी पूरे दिन सुचारू रूप से चली।

मरीज मायूस होकर लौटे घर

जब छुट्टी की सूचना टांडा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को मिली, तो सुबह 9 बजे तक पर्चियां बन रहीं थीं, लेकिन 10 बजे पर्चियां बनना बंद कर दी गईं। इससे दूरदराज से आए मरीजों में नाराजगी (resentment) देखी गई। लंबी लाइनों में खड़े मरीजों में से कुछ बिना इलाज के ही घर लौटने को मजबूर हो गए। जिन मरीजों को टेस्ट कराने थे, वे भी बिल न कट पाने की वजह से मायूस होकर वापस लौट गए।

सोमवार तक करना पड़ेगा इंतजार

राजकीय अवकाश के कारण शनिवार और रविवार को अस्पताल (hospital) में सेवाएं नहीं मिल पाएंगी। अब मरीजों को अपनी जरूरत के लिए सोमवार तक इंतजार (wait) करना होगा।

पीड़ितों की बातें

दूरदराज से आए मरीजों ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का हमें भी दुख है, लेकिन छुट्टी की notification सुबह जल्दी होनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज से कई डॉक्टर पहले से leave पर हैं, और ऊपर से 14 मेडिकल ऑफिसर्स के तबादले ने स्थिति और खराब कर दी है। अस्पताल में इस समय डॉक्टरों की भारी shortage हो रही है।

निर्देशों के बाद मिली राहत

स्थिति को भांपते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने तुरंत डॉक्टरों और स्टाफ को strict instructions दिए कि ओपीडी को सुचारू रूप से चलाया जाए। इसके बाद ही मरीजों को राहत मिली और सेवाएं बहाल हुईं।

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