हिमाचल प्रदेश government ने 100 किलोवाट से अधिक बिजली खपत वाले उद्योगों पर दी जाने वाली subsidy खत्म कर दी है, लेकिन यह नया रेट अभी लागू नहीं हो सका है। उद्योगपतियों ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी है और डबल बैंच में सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। इस निर्णय से लगभग 180 बड़े उद्योग प्रभावित हुए हैं। इसके अतिरिक्त, government ने Class 1 and Class 2 अधिकारियों की subsidy भी बंद कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में सबसिडी खत्म करने पर उद्योगपति डबल बैंच में गए
हिमाचल प्रदेश में government द्वारा उद्योगों को दी जा रही subsidy खत्म करने के बाद कई उद्योगपति इस फैसले के खिलाफ डबल बैंच में अपील करने के लिए गए हैं।
सरकार का उद्योगपतियों की चिंता: लागत में वृद्धि का खतरा
subsidy खत्म करने से उद्योगपतियों के लिए लागत में वृद्धि हो सकती है, जिससे उनके व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस फैसले का असर उन उद्योगों पर भी पड़ सकता है जो राज्य में निवेश कर रहे थे और राज्य के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे थे।
डबल बैंच में अपील: भविष्य के लिए योजना
उद्योगपति इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं। उनका विश्वास है कि अदालत उनके पक्ष में फैसला लेकर subsidy को फिर से बहाल करने का आदेश दे सकती है। इसके अलावा, वे राज्य government से भी इस निर्णय पर पुनर्विचार की अपील कर रहे हैं ताकि उद्योगों का विकास जारी रह सके।
राज्य सरकार का दृष्टिकोण: वित्तीय सुधार की दिशा में कदम
राज्य government का कहना है कि यह कदम वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए लिया गया है। government का मानना है कि subsidy की समाप्ति उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएगी।
समग्र प्रभाव: उद्योगों की स्थिति और सरकार की नीति
इस फैसले से राज्य में उद्योगों की स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि government इसे आर्थिक सुधार के रूप में देख रही है, लेकिन उद्योगपतियों की चिंताएं स्पष्ट हैं और वे इसके खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया का सहारा ले रहे हैं।