21 साल बाद शुरू होगी ऊहल तृतीय विद्युत परियोजना, 100 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए तैयार

हिमाचल की महत्वाकांक्षी ऊहल तृतीय विद्युत परियोजना 21 साल बाद जनवरी 2025 में बिजली उत्पादन शुरू करेगी। 100 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से सरकार को प्रति यूनिट सात रुपये की दर पर मुनाफा मिलेगा। निर्माण में देरी के बावजूद सभी यूनिटों की मैकेनिकल टेस्टिंग सफल रही है।

हिमाचल की महत्वाकांक्षी ऊहल तृतीय विद्युत परियोजना 21 साल बाद जनवरी 2025 में बिजली उत्पादन शुरू करेगी। 100 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से सरकार को प्रति यूनिट सात रुपये की दर पर मुनाफा मिलेगा। निर्माण में देरी के बावजूद सभी यूनिटों की मैकेनिकल टेस्टिंग सफल रही है।

21 साल बाद ऊहल तृतीय विद्युत परियोजना में बिजली उत्पादन की उम्मीद

महत्वाकांक्षी ऊहल तृतीय विद्युत परियोजना में 21 साल के लंबे इंतजार के बाद इसी महीने electricity production (विद्युत उत्पादन) शुरू होने जा रहा है। इस परियोजना की नींव 2003 में रखी गई थी, लेकिन अब 2024 में जाकर 100 मेगावाट उत्पादन संभव हो सका है। अनुमानित 431 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित इस परियोजना में अब तक लगभग 2600 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जिसमें एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है।

देरी का कारण: निर्माण में आई तकनीकी दिक्कतें

पहले यह परियोजना 2007 में चालू करने का लक्ष्य था, लेकिन 11 किलोमीटर लंबी tunnel construction (टनल निर्माण) के दौरान तकनीकी समस्याओं के चलते काम में देरी हुई। साल 2020 में परियोजना शुरू करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उस समय penstock burst (पैन स्टॉक फटने) की घटना ने प्रबंधन को बड़ा झटका दिया। इससे परियोजना को करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि चूल्हा स्थित पावर हाउस का निर्माण 2012 में पूरा कर लिया गया था।

तीनों यूनिटों की मैकेनिकल स्पिनिंग सफल

दिसंबर 2024 में ऊहल परियोजना के पावर हाउस की तीन यूनिटों में 33.3 मेगावाट क्षमता की mechanical spinning का कार्य पूरा कर लिया गया है। 22, 25 और 29 दिसंबर को तीनों यूनिटों की टरबाइन को पानी के प्रेशर पर सफलतापूर्वक चलाया गया। अब मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग अंतिम चरण में है। इलेक्ट्रीकल अधीक्षण अभियंता रमन चौधरी ने बताया कि जनवरी के पहले हफ्ते में एक यूनिट से हर हाल में उत्पादन शुरू हो जाएगा, और पानी की उपलब्धता बढ़ने पर दूसरी यूनिट भी चालू की जाएगी।

सात रुपये प्रति यूनिट पर बिजली उत्पादन से होगा मुनाफा

ऊहल परियोजना से सात रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली बेची जाएगी, जिससे सरकार को बड़ा आर्थिक लाभ होगा। परियोजना के successful completion के बाद 100 मेगावाट क्षमता के साथ यह परियोजना प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगी।

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