मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशील सोच से हिमाचल प्रदेश ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की है। इस योजना में 6000 अनाथ बच्चों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। इसके अलावा, बच्चों को ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों के भ्रमण पर भेजने का प्रावधान भी किया गया है।
निराश्रित बच्चों के लिए हिमाचल सरकार बनी सहारा
बुनियादी facilities, उचित देखभाल और funds की कमी के बीच पल रहे निराश्रित बच्चों के लिए हिमाचल प्रदेश की current Congress government एक बड़ा सहारा बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशील और visionary approach के चलते इन बच्चों को “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” का दर्जा दिया गया है।
सीएम सुक्खू की संवेदनशील पहल: मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना
सीएम सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद की oath taking ceremony के तुरंत बाद शिमला के टूटीकंडी बाल आश्रम का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने ‘Mukhyamantri Sukhashray Yojana’ शुरू करने का फैसला लिया। इस योजना का लाभ करीब 6000 अनाथ बच्चों को मिल रहा है, जिससे उन्हें बेहतर education और healthcare services प्रदान की जा रही हैं। हिमाचल देश का पहला राज्य है, जिसने अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए legal framework के तहत यह योजना शुरू की।
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष में 101 करोड़ का प्रावधान
इस योजना के तहत सरकार ने 101 करोड़ रुपए का Mukhyamantri Sukhashray Fund गठित किया है। इसमें परित्यक्त बच्चों को भी शामिल किया गया है। साथ ही, राज्य सरकार ने इन बच्चों के लिए educational trips का भी प्रावधान किया है, जिससे वे देश के विभिन्न historical और tourist places का अनुभव ले सकें।
22 बच्चों का 13 दिवसीय भ्रमण: पहली यात्रा का आयोजन
हाल ही में मुख्यमंत्री ने “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” के पहले batch को 13 दिवसीय tour पर रवाना किया। इस दल में 16 लड़कियां और 6 लड़के शामिल थे। वे चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा जैसे popular destinations का भ्रमण करेंगे। उनके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, जिसमें comfortable travel के लिए शताब्दी ट्रेन और हवाई यात्रा की व्यवस्था की गई है। Accommodation के लिए उन्हें उन कमरों में ठहराया जा रहा है, जहां मंत्री, विधायक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी रुकते हैं।
बच्चों का हक बनता है: सीएम सुक्खू
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” का हिमाचल की resources पर उतना ही अधिकार है, जितना किसी अन्य नागरिक का। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ही इन बच्चों की mother है और सरकार ही इनकी father। जिस तरह हम अपने परिवार के साथ घूमने जाते हैं, उसी तरह हमने इन बच्चों को भी भ्रमण पर भेजा है।