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सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए 24 घंटे बिजली, चीन सीमा से जुड़ी ट्रांसमिशन लाइन का काम करेगा बिजली बोर्ड

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प्रदेश में चीन से सटी भारत देश की सीमा पर तैनात जवानों को अब 24 घंटे, 12 महीने बिजली का इंतजाम रहेगा। इसके लिए एक लंबी बिजली ट्रांसमिशन लाइन तैयार की जाएगी। यह तय हो गया है कि इस लाइन का काम अब बिजली बोर्ड लिमिटेड ही करेगा, जिसे सरकार ने परमिशन दे दी है।

हिमाचल प्रदेश में चीन सीमा से सटे क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को अब 24 घंटे बिजली मिलेगी। इसके लिए एक नई ट्रांसमिशन लाइन तैयार की जाएगी, जिसमें 345 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस कार्य को बिजली बोर्ड लिमिटेड पूरा करेगा, जो पहले विवाद का कारण था।

24 घंटे बिजली की व्यवस्था (24-Hour Electricity for Soldiers)

चीन से सटी भारतीय सीमा पर तैनात soldiers को अब 24 घंटे बिजली मिल सकेगी। इसके लिए एक नई ट्रांसमिशन लाइन तैयार की जाएगी, जिससे सैनिकों को सुदृढ़ बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

बिजली बोर्ड को मिला कार्य (Electricity Board Assigned the Task)

पहले इसे ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन को सौंपने का प्रस्ताव था, लेकिन विरोध के बाद electricity board को यह कार्य सौंप दिया गया है। अब राज्य सरकार ने इसके निर्माण का आदेश बिजली बोर्ड को दे दिया है।

काजा से पूह तक ट्रांसमिशन लाइन (Transmission Line from Kaza to Pooh)

यह transmission line 130 किलोमीटर लंबी होगी, जो काजा से पूह तक जाएगी। इस परियोजना से सीमा पर तैनात सैनिकों और काजा व आसपास के गांवों को स्थिर बिजली आपूर्ति मिलेगी।

केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग (Central and State Government Cooperation)

केंद्र सरकार इस परियोजना में 90% राशि खर्च करेगी, जबकि state government इसका 10% हिस्सा देगी। कुल मिलाकर, इस परियोजना पर 345 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

काजा और पूह में ट्रांसमिशन स्टेशन (Transmission Stations at Kaza and Pooh)

नया ट्रांसमिशन स्टेशन काजा और पूह में स्थापित किया जाएगा। इन स्टेशनों के माध्यम से सीमा के पास तैनात सैनिकों और गांवों को electricity supply मिलेगी।

सोलर प्रोजेक्ट्स से भी बिजली (Solar Projects for Power Supply)

सोलर प्रोजेक्ट्स की मदद से बिजली उत्पादन किया जाएगा, जिसे इस नई ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से बाहर निकाला जा सकेगा। इससे energy security सुनिश्चित होगी और सेना को लगातार बिजली मिलेगी।

कठिन भौगोलिक स्थिति में निर्माण (Construction in Difficult Terrain)

यह कार्य कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में पूरा करना होगा, जिसमें 30-40 किलोमीटर तक पैदल ट्रांसमिशन खंभे पहुंचाने होंगे। यह challenging task है और वर्ष 2028 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

बिजली बोर्ड को राहत (Relief to Electricity Board Employees)

पूर्व में ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन को काम सौंपने के विवाद के बाद अब electricity board के कर्मचारियों को राहत मिली है, और वे इस महत्वपूर्ण परियोजना पर काम करेंगे।

2028 तक पूरा होने का लक्ष्य (Completion Target by 2028)

इस ट्रांसमिशन लाइन के काम को by 2028 पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि सेना और गांवों को निरंतर बिजली मिल सके और उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सके।

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