हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए ईकेवाईसी प्रक्रिया जारी रहेगी। सरकार ने इस प्रक्रिया के तहत उपभोक्ताओं के डाटा को अपडेट करने का निर्देश दिया है ताकि 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ सही तरीके से मिले।
हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए ईकेवाईसी प्रक्रिया जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य उपभोक्ताओं के डाटा को सही और अद्यतन रखना है, ताकि सरकार 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा दे सके। अब सभी उपभोक्ताओं को अपनी जानकारी अपडेट करने के लिए समय दिया जाएगा। इस कदम से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और बिजली वितरण में पारदर्शिता बनी रहेगी।
पेट्रोल और गैस की सबसिडी छोड़ने के बाद अब बिजली सबसिडी छोड़ने की पहल
प्रदेश में राजपत्रित अधिकारियों की बिजली सबसिडी को बंद किए जाने के बाद बिजली बोर्ड ने घरेलू उपभोक्ताओं की एक से ज्यादा मीटरों पर सबसिडी खत्म करने के लिए नया तरीका ढूंढ लिया है। बिजली बोर्ड पहले से यह कहता आया है कि उपभोक्ताओं से एक form भरवाया जाए, जिससे यह पता चले कि उनके पास कितने electricity meters हैं। अब, इस form में पूछे गए सवालों के आधार पर उपभोक्ता अपनी पूरी जानकारी दे सकता है। इस प्रक्रिया को Wednesday से लागू कर दिया गया, और Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu ने इसकी शुरुआत की है।
राजपत्रित अधिकारियों के लिए सबसिडी की समाप्ति
इसके साथ यह भी तय हो गया है कि फरवरी महीने के लिए राजपत्रित अधिकारियों को जो बिजली बिल आएगा, वह बिना subsidy के होगा। सरकार ने इसे लेकर Regulatory Commission को पत्र भेजा है। इसके अलावा, प्रदेश में domestic electricity consumers के लिए eKYC प्रक्रिया भी जारी रहेगी।
बिजली बोर्ड स्वेच्छा से सबसिडी छोड़ने वालों से forms भरवाएगा, और साथ ही eKYC प्रक्रिया भी चलेगी। अब तक करीब पांच लाख उपभोक्ताओं की eKYC हो चुकी है, लेकिन यह एक कठिन प्रक्रिया है और कई उपभोक्ता इसमें पूरी तरह मदद नहीं कर रहे। ऐसे में form भरवाकर उपभोक्ताओं से उनकी पूरी जानकारी लेना जरूरी हो गया है।
लोगों को सबसिडी छोड़ने के लिए प्रेरित करना
सरकार का मानना है कि जो लोग संपन्न हैं, वे अपनी subsidy छोड़ दें, और मुख्यमंत्री ने इस पहल के साथ एक new message दिया है। यह देखना होगा कि कितने लोग electricity subsidy छोड़ने की पहल करते हैं। Ministers, MLAs, और अन्य leaders भी इस फैसले का पालन करेंगे, यह तय है।