प्रदेश की कुल्लवी, सिराजी व सिरमौरी नाटी के लगभग 200 हिमाचली कलाकार भी सांस्कृतिक परेड का हिस्सा बनकर प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे। पद्मश्री विद्यानंद सरैक व डा. जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि आज सिंहटू नृत्य न केवल प्रदेश में, बल्कि राज्य से बाहर भी दर्शकों का विशेष आकर्षण बन चुका है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में सिरमौर का पारंपरिक सिंहटू नृत्य पेश किया जाएगा। इस विशेष प्रस्तुति में 200 हिमाचली कलाकार हिस्सा लेंगे, जो हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देश के सामने पेश करेंगे।
Delhi में Himachal की सांस्कृतिक छटा बिखरेगी
76वें गणतंत्र दिवस समारोह में सिरमौर के Hati Tribal Area का प्रसिद्ध Singhtu Dance कर्तव्य पथ पर प्रस्तुत किया जाएगा। Limca World Record और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार Dr. Jogendra Habbi ने बताया कि इस सांस्कृतिक परेड में सिरमौर की Aasra Sanstha Pajhota के कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुति देंगे।
Guinness World Record में दर्ज होगी Parade
इस बार की गणतंत्र दिवस परेड को Culture Ministry के निर्देशन में कोरियोग्राफ किया जा रहा है। Sangeet Natak Academy की Chairperson Dr. Sandhya Purecha ने इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में पूरे भारत के 5000 से अधिक Artists को एक मंच पर लाने का कार्य किया है। इस अद्वितीय प्रदर्शन को 24 January को Guinness Book of World Records में दर्ज कराने की योजना है।
Special Guests के समक्ष शानदार प्रदर्शन
गणतंत्र दिवस के अवसर पर Indonesia Republic के President Prabowo Subianto, राष्ट्रपति Droupadi Murmu, भारत के Prime Minister और अन्य विशिष्ट अतिथियों के सामने Singhthu Dance की आकर्षक झलक प्रस्तुत की जाएगी। इस Dance का मुख्य आकर्षण Lion होगा, साथ ही Bear, Monkey और Birds जैसे Masks को विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा।
Himachali Artists की भागीदारी
Himachal Pradesh के Kulluvi, Siraji और Sirmauri Nati के लगभग 200 Artists इस सांस्कृतिक परेड का हिस्सा बनकर प्रदेश की समृद्ध Culture का प्रतिनिधित्व करेंगे। Padma Shri Vidyanand Seraik और Dr. Jogendra Habbi ने बताया कि Singhthu Dance ने अपनी विशिष्टता के कारण न केवल प्रदेश, बल्कि National Level पर भी पहचान बनाई है।
Singhtu Dance की Global पहचान
Singhtu Dance को पहले भी कई बार President और Prime Minister के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। यह नृत्य सिरमौर की Tribal Culture और परंपराओं का प्रतीक है और आज यह न केवल प्रदेश, बल्कि National और International Platforms पर दर्शकों का विशेष आकर्षण बन चुका है।
Conclusion
76वें गणतंत्र दिवस समारोह में हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को जिस प्रकार प्रस्तुत किया जाएगा, वह न केवल प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि देश की Cultural Diversity को भी World Stage पर प्रदर्शित करेगा।