हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है, जिसके तहत अब प्रदेश में नई goshalas बनाने की योजना नहीं है। इस फैसले के बाद सरकार ने अन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू किया है।
हिमाचल सरकार का बड़ा निर्णय: अब नई गोशालाएं नहीं बनाई जाएंगी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब राज्य में नई goshalas नहीं बनाई जाएंगी। इसके बजाय, जो लोग बेसहारा और दूध न देने वाले पशुओं को अपने घरों में पालतू बनाएंगे, उन्हें सरकार हर माह 700 रुपए प्रति पशु देगी। यह नया विकल्प सरकार ने goshalas में हो रही समस्याओं को देखते हुए पेश किया है।
गोशालाओं के संचालन में आ रही मुश्किलें
सरकार का मानना है कि अब गोशालाओं को चलाना मुश्किल हो गया है, और इन स्थानों पर गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं। इसके कारण, राज्य सरकार ने अब घरों में पशुओं को आश्रय देने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों और पशुपालकों को राहत मिल सके।
700 रुपए की मदद, एक नई पहल
पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने इस नए विकल्प को लागू करने की बात कही है। इस योजना के तहत, जो किसान दुधारू नहीं, बल्कि अन्य प्रकार के बेसहारा पशुओं को पालेंगे, उन्हें सरकार प्रति पशु700 rupees per month की राशि देगी।
पशुगणना और डाटा एकत्रण का कार्य जारी
राज्य में चल रहे पशुगणना के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि किसानों के पास कितने दुधारू पशु हैं और कितने ऐसे हैं जो दूध नहीं देते। इस डाटा को एकत्र किया जा रहा है और मार्च तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार का 70 करोड़ का बजट
हर साल, हिमाचल प्रदेश सरकार गोसदनों को budget of 70 crores देती है। हालांकि, इन गोसदनों में कई बेसहारा पशु रखे गए हैं, लेकिन समय पर चारा, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यह समस्याएं देखते हुए सरकार ने किसानों को घर पर ही पशुओं की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता देने की योजना बनाई है।
फायदा किसानों और पशुपालकों को
इस नई योजना से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को हर माह आर्थिक सहायता मिल सके और वे अपने घरों में ही पशुओं की देखभाल कर सकें। यह पहल न केवल पशुओं के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि किसानों को भी राहत मिलेगी।