हिमाचल में 5 प्रजातियों के पेड़ काटने की अनुमति: सरकार ने हटाई रोक

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने 5 प्रजातियों के पेड़ों पर से काटने की रोक हटाई। जानिए किन पेड़ों पर मिली है अनुमति और इस फैसले के पीछे का उद्देश्य।

राज्य सरकार ने दी राहत

हिमाचल प्रदेश सरकार ने नागरिकों को पेड़ कटान में राहत प्रदान की है। अब तूत और बबूल प्रजातियों के पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है। यह फैसला नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायतों और छावनी बोर्ड के क्षेत्रों में लागू होगा।

कुल 5 प्रजातियां कटान के लिए अनुमति प्राप्त

सरकार द्वारा जारी नए आदेशों में सफेदा (Eucalyptus), पापुलर (Poplar), और बांस (Bamboo) पहले से प्रतिबंध से बाहर थे। अब इनकी सूची में शहतूत (Mulberry) और बबूल (Acacia) भी शामिल हो गए हैं।

10-Year Criteria: Long-Term Approach
10 साल का नियम और समयसीमा

खैर (Khair) पेड़ों के कटान के लिए राज्य सरकार ने पहले ही 10 साल की समयसीमा तय कर रखी है। इन आदेशों को 30 साल तक लागू रखने की योजना बनाई गई है।

31 जनवरी है अंतिम तारीख

वन विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि पेड़ों को चिह्नित करने का कार्य 31 जनवरी तक पूरा हो जाए। इसके बाद किसी नए पेड़ को कटान के लिए चिह्नित नहीं किया जाएगा।

अनुमति का स्तर और प्रक्रिया
सरकार द्वारा तय नियम

200 पेड़ तक: वन मंडल अधिकारी देंगे अनुमति।
300 पेड़ तक: मुख्य अरण्यपाल और अरण्यपाल की स्वीकृति।
400 पेड़ तक: प्रधान मुख्य अरण्यपाल की अनुमति।
400 से अधिक: हिमाचल प्रदेश सरकार की स्वीकृति आवश्यक।

Notification and Implementation
नए आदेशों की अधिसूचना

अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) के.के. पंत ने इस संशोधन की अधिसूचना जारी की। यह अधिसूचना 4 जनवरी को जारी हुए पहले आदेशों में बदलाव करती है।

वन विभाग की दिशा निर्देश

वन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि चिह्नित पेड़ों की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए 10 दिन का समय दिया गया है।

Final Note: A Balanced Decision

सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण और नागरिकों की जरूरतों के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास है। इस बदलाव का उद्देश्य राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का स्थायी उपयोग सुनिश्चित करना है।

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