हिमाचल प्रदेश कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए चंबा के साहो और कांगड़ा के चचियां को उपतहसील बनाने की स्वीकृति दी गई है। इस कदम से इन क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं को बेहतर बनाने और स्थानीय जनता को सरकारी सुविधाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उपतहसील के गठन से इन ग्रामीण इलाकों में सेवा वितरण की प्रक्रिया में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में अहम निर्णय
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हिमाचल कैबिनेट बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में शिमला जिले के धमवारी, चंबा के साहो और कांगड़ा के चचियां में उपतहसील खोलने का निर्णय लिया गया। इन उपतहसीलों में नए पदों का सृजन भी किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं का बेहतर वितरण हो सकेगा। इसके साथ ही कांगड़ा जिले की उपतहसील पंचरुखी को तहसील के रूप में स्तरोन्नत करने की स्वीकृति दी गई।
नए ब्लॉक कार्यालय की स्थापना और अन्य प्रशासनिक निर्णय
मंत्रिमंडल ने सिरमौर जिले के शिलाई में मौजूदा ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय को विभाजित करने का निर्णय लिया। इसके तहत एक नया ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय रोहनाट के निर्माण को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, विकास खंड लंबागांव की तीन ग्राम पंचायतों—मटियाल, कुडाल और धडोल—को कांगड़ा जिले के विकास खंड बैजनाथ में स्थानांतरित करने का निर्णय भी लिया गया।
किशाऊ परियोजना के विद्युत घटक के लिए वित्तपोषण का निर्णय
मंत्रिमंडल ने किशाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90:10 के वित्तपोषण फार्मूला अपनाने की मांग की। यह फार्मूला जल घटक के लिए पहले से लागू किया गया था। इसके अलावा, पंप स्टोरेज परियोजना के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति मेगावाट शुल्क तय किया गया, जिसे दस साल के बाद दोगुना कर दिया जाएगा।
प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार और पंप स्टोरेज परियोजना
कैबिनेट ने पंप स्टोरेज परियोजना के लिए एक नया कदम उठाया है। इसके तहत ऊर्जा विभाग को ग्रीन हाइड्रोजन, बायोमास और पंप स्टोरेज परियोजनाओं का आबंटन और निगरानी का अधिकार सौंपा गया है। इसके साथ ही नालागढ़ में एक मेगावाट की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना को भी मंजूरी दी गई।
डा. मनमोहन सिंह के नाम पर हिप्पा संस्थान का नामकरण
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) का नाम बदलकर डा. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को मंजूरी दी है। यह निर्णय डा. मनमोहन सिंह की दूरदर्शिता और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए लिया गया, जिनके नेतृत्व में कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं राज्य में सफल हुईं।