हिमाचल के दवा उद्योग को राहत: बद्दी में 32 करोड़ की ड्रग टेस्टिंग लैब शुरू

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हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योग को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि बद्दी में 32 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक ड्रग टेस्टिंग लैब शुरू हो गई है। यह लैब प्रति वर्ष 10,000 दवा नमूनों की जांच कर राज्य की दवा गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली को मजबूत बनाएगी।

हिमाचल के दवा उद्योगों को अब दवाओं की जांच के लिए बाहरी राज्यों की प्रयोगशालाओं के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। दवा उद्योगों की सहूलियत के लिए बद्दी में करीब 32 करोड़ लागत से स्थापित प्रदेश की पहली ड्रग टेस्टिंग लैब क्रियाशील हो गई है।

बाहरी राज्यों पर निर्भरता खत्म

हिमाचल के दवा उद्योगों को अब external laboratories पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बद्दी में 32 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित प्रदेश की पहली Drug Testing Lab ने कार्य शुरू कर दिया है। इससे दवा निर्माताओं को स्थानीय स्तर पर ही quality testing की सुविधा मिल सकेगी।

आउटसोर्सिंग से बेहतर संचालन

इस state-of-the-art lab के संचालन के लिए पंचकूला की आईटीसी लैब्स को outsourcing पर रखा गया है। राज्य सरकार इसके लिए हर साल छह करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। इसके संचालन में 30-40 तकनीशियन और 10 प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई है।

केंद्र और राज्य सरकार की सहभागिता

यह लैब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा औषधि नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए दी गई 30 करोड़ रुपये की सहायता से बनी है। राज्य सरकार ने भी अतिरिक्त खर्च का वहन किया। Inauguration गत वर्ष मार्च में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया था।

कंपोजिट टेस्टिंग लैब की नई पहल

राज्य सरकार बद्दी के झाड़माजरी में एक और Composite Testing Lab स्थापित करने की योजना पर कार्य कर रही है। इससे प्रदेश में दवा गुणवत्ता नियंत्रण को और मजबूती मिलेगी।

बीबीएन में दवा उद्योग को लाभ

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) क्षेत्र में leading pharmaceutical companies जैसे डॉ. रेड्डी लैब, कैडिला, सिप्ला और टारेंट की 650 से अधिक इकाइयां हैं। ये इकाइयां हर साल 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक की दवाओं का उत्पादन करती हैं। इनमें से 15 हजार करोड़ रुपये की दवाएं export की जाती हैं।

गुणवत्ता नियंत्रण की दिशा में अहम कदम

हिमाचल ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता और प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि यह testing facility दवा निर्माण में quality control को लागू करने में सहायक होगी। इससे दवा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

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