हिमाचल प्रदेश ने देशभर में रीडिंग लेवल और स्कूलों में पेयजल सुविधाओं के मामले में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। राज्य की शिक्षा प्रणाली और स्कूलों में स्वच्छ पानी की उपलब्धता ने हिमाचल को एक आदर्श राज्य बना दिया है, जहां छात्रों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश ने एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन (असर) 2024 रिपोर्ट में शानदार प्रदर्शन किया है। राज्य ने रीडिंग लेवल और स्कूलों में पेयजल की उपलब्धता में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। हालांकि, स्कूल इनरोलमेंट में वृद्धि नहीं हुई है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इसे एक शुरुआत बताया और आगे सुधार की दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में सुधार
2024 की एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन (असर) रिपोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में सुधार की पुष्टि की है। रीडिंग लेवल और पेयजल की उपलब्धता में प्रदेश को उच्चतम स्थान मिला है, जबकि स्कूल इनरोलमेंट में स्थिरता दिखी है।
रीडिंग लेवल में हिमाचल ने देशभर में शीर्ष स्थान प्राप्त किया
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में तीसरी कक्षा के 46.6 प्रतिशत छात्र आसानी से दूसरी कक्षा की हिंदी पाठ्य पुस्तक पढ़ने में सक्षम हैं। इस मामले में प्रदेश ने राष्ट्रीय औसत को दोगुना किया है।
स्कूलों में पेयजल और डिजिटल लिटरेसी में सुधार
हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में पेयजल की उपलब्धता 90.4 प्रतिशत रही, जो कि 2022 में 88 प्रतिशत थी। साथ ही, डिजिटल लिटरेसी में भी राज्य ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
शिक्षा मंत्री का बयान: यह शुरुआत है
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सुधारों के परिणाम स्वरूप यह बेहतर प्रदर्शन हुआ है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने विभाग को और भी कदम उठाने की आवश्यकता बताई है।
प्रदेश में तीन प्रतिशत बच्चे अब भी स्कूल नहीं जा रहे
असर की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में 15 से 16 साल के आयु समूह में 3 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, जबकि यह आंकड़ा 2022 में 2.2 प्रतिशत था।